CWE - लाखों कमाने की तैयारी में थी खली इवेंट टीम, एक सच ने फ्री कराए टिकट
एक हजार और 500 रुपये में बेचे गए टिकट होंगे वापस। अब बिना टिकट के होगी राजीव गांधी स्टेडियम में। सुबह से लेकर दोपहर तक टिकटों के लिए घनघनाते रहे फोन।
जेएनएन, पानीपत - डब्ल्यूडब्ल्यूई की तर्ज पर होने वाली खली की सीडब्ल्यूई फाइट के जरिये अंबाला के राजीव गांधी खेल स्टेडियम की सरकारी जमीन से लाखों रुपये कमाने का प्लान बनाया गया। इसके तहत 1000 और 500 रुपये का टिकट भी निर्धारित कर दिया। कुछ टिकट बेच भी दिए। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो आयोजकों को बैकफुट पर आना पड़ा और घोषणा करानी पड़ी कि राजीव गांधी खेल स्टेडियम में होने वाली सीडब्ल्यूई (कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट) की फाइट निशुल्क देखी जा सकेगी। इसके लिए कोई टिकट नहीं लगेगा।
दरअसल, अंबाला शहर स्थित राजीव गांधी खेल स्टेडियम सरकारी है। सरकारी ग्राउंड को किसी भी कंपनी, संस्था को प्राइवेट कार्यक्रम के लिए बेचा नहीं जा सकता। अंबाला में ऐसा ही कर दिया गया था। मीडिया ने इस बारे में आयोजक खली सहित भाजपा नेताओं से जब सवाल किए तो किसी से जवाब दिए नहीं बना। इसके बाद मामले को तूल पकड़ता देख आयोजकों को बैक फुट पर आना पड़ा और निशुल्क एंट्री की घोषणा की गई।
दिनभर घनघनाते रहे फोन
500 रुपये और 1 हजार रुपये की टिकट होने के कारण सुबह से लेकर दोपहर तक भाजपा कार्यकर्ताओं के पास फोन घनघनाते रहे। निशुल्क पास उपलब्ध करा दो। इसी तरह पुलिस कर्मियों और खली के खासमखास लोगों के पास भी फोन बजते रहे। किसी ने शहरी विधायक असीम गोयल से सिफारिश लगवाई तो किसी ने मंत्री विज के जानकारों को फोन कर पास दिलाने की गुहार लगाई।
शाम को रोड शो के साथ पूरे शहर में कराई गई घोषणा
शाम को शहर से रोड शो निकाला गया। इसमें खली के साथ शहरी विधायक असीम गोयल भी मौजूद रहे। रोड शो में घोषणा की गई कि शहर विधायक असीम गोयल के प्रयासों से सीडब्ल्यूई रेसलिंग निशुल्क करवा दी गई है। इसीलिए इस रेसलिंग को देखने अधिक से अधिक संख्या में राजीव गांधी स्टेडियम में पहुंचे और खेल का आनंद उठाएं।
तीन जगह बनाई गई थी टिकट बेचने की योजना, लौटाए जाएंगे पैसे
अंबाला शहर में जग्गी सिटी सेंटर में बावा सरूर, सेक्टर आठ हाउसिंग बोर्ड में शॉप नंबर तीन अमन डेली नीड करियाना स्टोर और राजीव गांधी खेल स्टेडियम के बाहर टिकट बचने की प्लानिंग बनाई गई थी। जग्गी सिटी सेंटर और सेक्टर आठ के केंद्र से टिकट बेची भी गई। अब जिन लोगों ने जहां से टिकट ली हैं वहीं वह टिकट देकर अपने पैसे वापस ले सकते हैं।
जिला खेल अधिकारी से सीधी बातचीत
दैनिक जागरण टीम ने इस मामले में जब जिला खेल अधिकारी अरूण कांत से बातचीत की तो उन्होंने सवालों का जवाब कुछ इस तरह से दिया:-
प्रश्न: सर, क्या सरकारी खेल स्टेडियम को किसी प्राइवेट संस्था को सौंपा जा सकता है?
उत्तर: यह अनुमति हमारी ओर से नहीं दी गई, इसके लिए आयोजकों ने सीधे सीएम से मंजूरी ली है।
प्रश्न: सरकारी ग्राउंड में टिकटें कैसे कोई प्राइवेट संस्था ले सकती है, इस तरह तो हमने सरकारी ग्राउंड को ही बेच दिया?
उत्तर: इस बारे में मैं कुछ भी कहने में सक्षम नहीं हूं, क्योंकि आयोजकों ने अंबाला, पंचकूला और करनाल तीन जगहों पर रेसलिंग के लिए अनुमति सीधे ही ली हुई है। इसमें हमारा कोई रोल नहीं है।