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पानीपत में ट्रांसपोर्टरों का फूटा गुस्‍सा, डीटीओ की नियुक्ति न होने पर जताया रोष

पानीपत में डीटीओ की नियुक्ति न होने से ट्रांसपोर्टरों ने रोष जताया है। 100 से अधिक लोग हर घंटे पहुंच रहे कार्यालय। 100 मीटर दूर चला रहे ओवरलोड वाहन कर्मचारी बने मूकदर्शक। 2 से 4 हजार रुपये दिहाड़ी का हो रहा ट्रांसपोर्टरों को नुकसान।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 05:49 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:49 PM (IST)
पानीपत में ट्रांसपोर्टरों का फूटा गुस्‍सा, डीटीओ की नियुक्ति न होने पर जताया रोष
पानीपत में डीटीओ की नियुक्ति न होने पर ट्रांसपोर्टरों ने रोष जताया है।

पानीपत, जेएनएन। डीटीओ कार्यालय बनने के चार दिन बाद भी जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) की नियुक्ति नही हुई है। डीटीओ कब तक कार्यभार संभालेंगे, इसका अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है। कर्मचारी कार्यालय में काम कराने आए ट्रांसपोर्टरों और वाहन मालिकों को कामकाज सामान्य होने का आश्वासन देकर वापस भेजने की कोशिश कर रहे हैं। अब ट्रांसपोर्टरों में रोष बढऩे लगा है।

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 दैनिक जागरण संवाददाता ने कार्यालय की पड़ताल की तो एक घंटे में 100 से अधिक लोग कामकाज कराने के लिए डीटीओ कार्यालय में पहुंच गए। औसतन हर दूसरी मिनट में वाहनों संबंधित दस्तावेज लेकर कार्यालय में दाखिल होता नजर आया। दीवारों पर बने साइन बोर्ड और कामकाज संबंधी जानकारी देख लोग खिड़कियों पर पहुंचे तो वे बंद मिली। वापस कार्यालय के गेट पर आए तो कर्मचारियों ने आरटीए के डीटीओ में तबदील होने की बात कही। डीटीओ की नियुक्ति होने से पहले कामकाज नहीं होने की बात कही। अंदाजा सोमवार तक अधिकारी की नियुक्ति होने और फिर कामकाज शुरू कराने की बात कहकर वाहन मालिकों को वापस भेज दिया।

भारी वाहनों की टूट रही हजारों रुपये दिहाड़ी

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि गाडिय़ों के दस्तावेज नहीं बनने के कारण वे गाडिय़ां सड़कों पर नहीं उतार पा रहे हैं। रोजाना छह टायर कैंटर की डेढ़ हजार, 12 टायर ट्रक की तीन और ट्राले की लगभग चार हजार रुपये की दिहाड़ी टूट रही है। वहीं कागजात बनने में देरी होने से पैनल्टी लगने का भी अनुमान है। ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि जल्द से जल्द डीटीओ की नियुक्ति की जाए ताकि व्यवसाय दोबारा ढर्रे पर लौट सके।

कार्यालय से 100 मीटर दूर चल रहा ओवरलोड

डीटीओ की नियुक्ति नहीं होने के कारण कार्यालय में ज्वाइन कर चुके कर्मचारी मूकदर्शक बन चुके है। कार्यालय पहुंचे लोगों को वापस भेजने के अलावा उनके पास कोई काम नहीं है। हालात ये है कि डीटीओ कार्यालय से महज 100 मीटर दूर गोहाना रोड पर भी ओवरलोड वाहन दौडऩे लगे है। चालक बेखौफ है, क्योंकि अधिकारी की नियुक्ति से पहले चालान का कोई डर नहीं है।


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