पानीपत ग्रामीण विधानसभा में छिड़ा जमींदारों में सत्ता पाने का संग्राम Panipat News
पानीपत ग्रामीण विधानसभा में 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनकी किस्मत का फैसला 241992 मतदाता करेंगे। वहीं वर्तमान विधायक महिपाल ढांडा को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
पानीपत, [जगमहेंद्र सरोहा]। पानीपत ग्रामीण विधानसभा में जमींदारों के बीच सत्ता पाने का संग्राम छिड़ा है। यहां सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी मैदान में हैं। मुकाबला भाजपा के विधायक महीपाल ढांडा और जजपा के युवा नेता देवेंद्र कादियान के बीच है। कांग्रेस के ओमप्रकाश जैन और निर्दलीय संदीप भारद्वाज खलीला अपनी जीत को आकड़ों से जोड़ कर चल रहे हैं। महीपाल ढांडा दूसरी बार तो देवेंद्र कादियान पहली बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। वे 2009 के चुनाव में अपनी मां बिमला कादियान की हार को इस बार जीत में बदल रहे हैं।
पानीपत ग्रामीण विधानसभा का चुनाव जिले की चारों विधानसभाओं में से अलग है। गांवों और शहर की कॉलोनियों में लोगों की अलग-अलग राय है। कहीं पर विधायक महीपाल ढांडा मजबूत हैं तो कहीं पर जजपा प्रत्याशी देवेंद्र कादियान मजबूत बने हैं। कांग्रेस के ओमप्रकाश जैन 2009 के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग रहे हैं। इसके अलावा निर्दलीय संदीप भारद्वाज खलीला बीते एक साल से हलके की सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय हैं।
महीपाल ढांडा का राजनीतिक सफर
विधायक महीपाल ढांडा मूल रूप से मतलौडा के कवी गांव के हैं। उनका खेती और हैचरी का बिजनेस है। वे अब सेक्टर-18 में रहते हैं। 1987 में आरएसएस के स्वयंसेवक बने थे। 1997 में एबीवीपी में प्रदेश सहमंत्री बने। 2004 में भाजपा में जिला उपाध्यक्ष और 2006 में जिला महामंत्री बने। 2009 में उनको भाजयुमो और 2012 में किसान मोर्चा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। 2014 में ग्रामीण सीट से चुनाव जीत कर पहली बार विधानसभा में पहुंचे। वे पांच साल से हलके में लगातार सक्रिय हैं। ढांडा ने बताया कि हलके के लोग उनके साथ हैं। उन्हें लगातार दूसरी बार विधानसभा में पहुंचाएंगे।
देवेंद्र कादियान 19 साल से सक्रिय
देवेंद्र सिंह कादियान मूल रूप से सिवाह गांव के हैं। सिवाह में उनकी खेती और पेट्रोल पंप है। वे अब सेक्टर-12 में रहते हैं। वर्ष 2000 में सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। उनके पिता सतबीर ङ्क्षसह कादियान 1987, 1991 और 2000 में नौल्था विधानसभा से विधायक बनें। 1991 में इफ्को का चेयरमैन और 2000 में विधानसभा में स्पीकर बने। देवेंद्र कादियान बीते पांच साल से हलकावासियों के बीच हैं। देवेंद्र कादियान ने बताया कि हलके के लोगों का समर्थन उनके साथ है। वह इस बार विधानसभा में पहुंचेंगे।
नए परिसीमन में नौल्था से पानीपत ग्रामीण बनाई
2007 के नया परिसीमन बनाया था। इसमें नौल्था हलके के गांवों को हटाकर शहर की बाहरी कॉलोनियों के साथ जोड़ कर पानीपत ग्रामीण के नाम से नई विधानसभा बनाई थी। यहां इस बार 241992 मतदाता 12 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। दोनों बार यहां पुरुषों का वर्चस्व रहा है।
कब कौन जीते
2009 में ओपी जैन जीतकर आए
2009 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय ओमप्रकाश जैन 23769 वोट लेकर विधायक बने थे। उन्होंने कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार को अपना समर्थन दिया था। बदले में उन्हें परिवहन विभाग का मंत्री बनाया गया। यहां से इनेलो की बिमला कादियान 17,134 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रही थी।
2014 में ढांडा विधानसभा में पहुंचे
महीपाल ढांडा 2014 का चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। उन्होंने यहां से 62074 वोट लेकर निर्दलीय प्रत्याशी धारा सिंह रावल को 36132 वोट से हराया था। रावल को यहां से 25942 वोट मिले थे।
ग्रामीण ये प्रत्याशी मैदान में हैं
भाजपा के उम्मीदवार महीपाल ढांडा, जेजेपी के देंवेंद्र कादियान, कांग्रेस के ओमप्रकाश जैन, इनेलो के कुलदीप राठी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के जमशेद राणा, बसपा के बलकार मलिक, राष्ट्रीय जन शक्ति पार्टी (एकलव्य) के पालेराम कश्यप, लोसुपा के लख्मीचंद, सर्वहित पार्टी के विरेंद्र सिंह गाहल्याण, निर्दलीयों में संदीप भारद्वाज, महीपाल व राजेश बुड़शाम मैदान में हैं।
किस आयु वर्ग के कितने मतदाता
आयु वर्ग मतदाता
18-19 4855
20-29 57,848
30-39 65,434
40-49 49,302
50-59 33,426
60-69 19,456
70-79 8,309
80-89 2,723
90-99 615
100 से अधिक 24