आज के सवाल और अंग्रेजी ज्ञान- पांच मिनट का नॉलेज कॉलम
पढि़ए देश और दुनिया से जुड़े सवाल और इनके क्या हैं जवाब। अंग्रेजी लहजा क्या होता है, इसका भी सही सही जवाब जान लें। ताकि आप भी कह सकें कि यह हमें पता है।
1. पवन चक्की किस देश का राष्ट्रीय स्मारक है?
डेनमार्क
2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष कौन थे?
बदरुद्दीन तैयबजी
3. गांधी जी ने सत्याग्रह का प्रयोग सबसे पहले कहां किया था?
दक्षिण अफ्रीका
4. राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान कहां स्थित है?
पणजी
5. इंडिका के लेखक कौन हैं?
मेगास्थनीज
6. चाइनामैन शब्द का इस्तेमाल किस खेल में होता है?
क्रिकेट
7. वास्कोडिगामा किस देश के निवासी थे ?
पुर्तगाल
8. ओपेक क्या है?
तेल निर्यातक देशों का संगठन
9. भारतीय सेना के किस विमान का नाम गजराज है?
आइएल-76
10. भारतीय रेल तथा डाक सेवाएं किसके शासनकाल में प्रारंभ हुईं?
लॉर्ड डलहौजी
आज जानिये, क्या है लहजा और कैसे सुधारें
एक private school की teacher ने आकर अपने director को बताया, सर बच्चों की प्रोनाऊनसिएशन बहुत खराब है, क्या करें ?
director ने नवाबी अंदाज में कहा, कितने की आती है? नई मंगवा लो ! या अगले हफ्ते मुझे दिल्ली जाना है, मैं ला दूंगा।
Anyway, यह तो एक मजाक था। परंतु यह प्रनंसीएशन एक गंभीर मसला है। जब भी किसी स्कूल में जाता हूं तो इससे related दो चार सवाल-जवाब हो ही जाते हैं।
देखिए, यदि दो कोस पर पानी और चार कोस पर वाणी बदलती है तो English जहां से आई है, वह तो हम से हजारों कोस दूर है। किसी भी दो अलग-अलग देशों के लोगों का बोलने का लहजा एक जैसा नहीं हो सकता और यदि जिद है कि अंग्रेजों जैसा बोलने का लहजा develop करना है, तो या तो special training की जरूरत पड़ती है या फिर उस community का हिस्सा बनना पड़ता है। यदि अंग्रेजों का और हमारा accent अलग-अलग है तो इसमें बुराई नहीं है। यह तो स्वाभाविक और प्राकृतिक है। एक अंग्रेज हमारी तरह हिंदी या हरियाणवी नहीं बोल सकता तो हम भी उनकी तरह English नहीं बोल सकते।
यह Monk मोंक नहीं, मंक होता है। यह serious सीरियस नहीं, सीअरिअस होता है। यह pronoun प्रोनाउन नहीं, प्रनाउन होता है। यह adjective अडजैक्टिव नहीं, अजिक्टिव होता है। यह preposition प्रीपोजीशन नहीं, प्रपजीशन होती है। यह character करैक्टर नहीं, कैरक्टर होता है। यह career कैरियर नहीं, करियर होता है। यह no नो नहीं, नउ होता है। यह go गो नहीं, गउ होता है। यह yes यस नहीं, येस होता है। यह pen पैन नहीं, पेन होता है। यह met मैट नहीं, मेट होता है।
ऐसे हजारों words को मैंने गलत से सही बोलना सीख लिया है और हजारों अभी बाकी हैं। इससे मेरा शब्दों का उच्चारण तो बदल गया है परंतु लहजा अभी भी नहीं बदला है। लहजा बदलता है rising & falling tone के साथ बोलने से। यह उच्चारण का next step होता है।
किसी word का individually और sentence में उच्चारण अलग-अलग हो सकता है। देखो, पहले मैं इसे was वाज बोलता था। फिर सही वॉज कहना सीखा। परंतु बाद में महसूस हुआ कि जब यह sentence में आता है और जब इसके ऊपर stress नहीं होता तो वज बन जाता है।
by अजित नागल, Author