कोर्ट के आदेश पर तीन साल बाद ससुराल पहुंची प्रीति, सास ने किया बखेड़ा
ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मुकेश कुमार ने कहा कि ससुराल में रहना विवाहिता का हक है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, मुकेश कुमार ने कहा कि ससुराल में रहना विवाहिता का अधिकार है। एक विवाहिता के केस में निर्णय देते हुए अदालत ने यह बात कही।
कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता महिला को उसकी ससुराल में आवास दिलाने पहुंची। मौके पर मिली सास ने कोर्ट के आदेश को नजरअंदाज कर हंगामा कर दिया। पुलिस के समझाने पर वह एक कमरा देने पर रजामंद हो गई।
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यह है मामला
रजनी गुप्ता ने बताया कि गांव गढ़ी सिकंदरपुर निवासी भीम ¨सह की पुत्री प्रीति की शादी दिसंबर 2013 में पटेल नगर निवासी राहुल पुत्र धर्मवीर के साथ हुई थी। आरोप है कि ससुराल पक्ष दहेज की मांग करते हुए उसके साथ मारपीट करता था। अक्टूबर 2014 में पति व अन्य ने उसके साथ मारपीट की और घर से निकाल दिया। उस समय प्रीति गर्भवती थी। वर्ष 2015 में दोनों पक्षों की पंचायत हुई, तब तक वह जुडवां बेटियों को जन्म दे चुकी थी। पंचायत के निर्णय के अनुसार राहुल अपनी पत्नी और बेटियों को साथ ले गया। कुछ दिन बाद बेटियों को अपने पास रख लिया और प्रीति को घर से निकाल दिया। इसके बाद प्रीति ने घरेलू ¨हसा अधिनियम के तहत जेएमआइसी कोर्ट में याचिका दायर की और ससुराल में रहने का अधिकार मांगा। तभी से केस विचाराधीन था।
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पुलिस को सुरक्षा का आदेश
कोर्ट ने 5 सितंबर को जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता को आदेश दिए कि पीड़िता को उसकी ससुराल ले जाकर आवास सुनिश्चत कराया जाए। संबंधित पुलिस को महिला की सुरक्षा के आदेश भी दिए। रजनी गुप्ता के मुताबिक प्रीति को उसकी ससुराल में एक कमरा दिलाया गया है। ससुराल पक्ष को कोर्ट के आदेश का हवाला देकर निर्देश दिए गए हैं कि प्रीति को दिक्कत नहीं आनी चाहिए। टीम में एसआइ राम मेहर ¨सह, एएसआइ प्रदीप कुमार, एसपीओ पूनम और सिपाही प्रदीप आदि शामिल रहे।
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मॉडल टाउन थाने में भी मुकदमा है दर्ज
रजनी गुप्ता ने बताया कि प्रीति ने मॉडल टाउन थाने में भी ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज, घरेलू ¨हसा आदि के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके अलावा एक केस खर्चे का चल रहा है। कोर्ट ने राहुल को आदेश दिए थे कि वह पांच हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देगा। पति ने अब तक उसके खाते में 1.10 लाख रुपये जमा कराए हैं। सोमवार को केस का फालोअप किया जाएगा। 24 सितंबर को कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।