एसआइटी गठित होने से तीन घंटे पहले तीन युवक खुद को पुलिस बताकर सीसीटीवी फुटेज की रिकार्डिंग ले गए
जागरण संवाददाता पानीपत पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनके दोस्त डिपो होल्डर राजेश शर्मा क
जागरण संवाददाता, पानीपत : पूर्व पार्षद हरीश शर्मा और उनके दोस्त डिपो होल्डर राजेश शर्मा के नहर में डूबने मामले की जांच के लिए प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज ने शाम को एसआइटी गठित की। खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। एसआइटी के गठित होने से पहले ही तीन युवकों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर हरीश शर्मा के घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग अपने पैन ड्राइव में डाल ली। दुकानदारों ने यह बात जब हरीश के स्वजनों को बताई तो वे हैरान रह गए। देर रात को इस मामले की जांच भी शुरू हो गई। एडीजीपी संदीप खिरवार ने अपनी टीम भेजकर उन युवकों की सीसीटीवी फुटेज मंगा ली। दरअसल, ये सीसीटीवी फुटेज इस मामले की महत्वपूर्ण कड़ी है। क्योंकि इसी में दिख रहा है कि हरीश शर्मा के घर के बाहर गाड़ी सारी रात चक्कर लगाती रही। अंजली शर्मा के अनुसार इसी दबाव में उनके पिता हरीश शर्मा ने नहर में छलांग लगा दी।
तहसील कैंप के रामनगर में निर्मल डेयरी पर एक दिन पहले तीन युवक पहुंचे। इन्होंने खुद को सीआइ स्टाफ बताते हुए कहा कि उन्हें 18 नवंबर की रात की सीसीटीवी फुटेज चाहिए। दुकानदार ने सोचा कि जांच में सहयोग करनी चाहिए, तो फुटेज निकाल दी। इस फुटेज में दिख रहा है कि रात को 10 से 11 बजे के बीच एक सफेद रंग की गाड़ी बार-बार हरीश शर्मा के घर के बाहर आती है। काफी देर तक पास में ही खड़ी रहती है। हरीश के स्वजनों का कहना है कि इस गाड़ी में सीआइए पुलिस का स्टाफ था, जो उन्हें डराना चाहते थे। घर पर हरीश शर्मा नहीं थे। रात को जब हरीश को पुलिस के आने का पता चला तो वह काफी दबाव में आ गए। बेटी के गिरफ्तार होने के डर से वह सुबह गोहाना रोड नहर पर पहुंच गए। भाई सतीश को फोन पर कहा कि मेरी बेटी को संभाल लेना। मुझे इंसाफ नहीं मिल रहा। मैं नहर में कूदकर जान दे रहा हूं। सतीश शर्मा जब मौके पर पहुंचे तो उनके सामने ही हरीश ने नहर में छलांग लगा दी। अब तक उनकी तलाश नहीं हो सकी है।
प्रमोद विज ने एसआइटी को अवगत कराया
विधायक प्रमोद विज को स्वजनों ने जब सीसीटीवी रिकार्डिंग लेने की बात बताई तो विज ने तुरंत एसआइटी को सूचित किया। देर शाम को दो पुलिसकर्मी उस दुकान पर पहुंच गए, जहां पर तीन युवकों ने रिकार्डिंग ली थी। दुकानदार ने उन युवकों की ही सीसीटीवी फुटेज दिखाई। ये पुलिसकर्मी भी उन युवकों की पहचान नहीं कर सके। एक युवक टेबल पर चढ़कर डीवीआर पर पैन ड्राइव लगाता है। पूरी रिकार्डिंग कापी करके ले जाते हैं। तीन युवक दुकान के अंदर, चौथा युवक बाहर खड़ा होता है।
एसआइटी से पहले कौन और क्यों पहुंच गया
हरीश के भाई सतीश शर्मा ने विधायक के सामने सवाल उठाया कि अब तो जांच एसआइटी के हवाले है। एडीजीपी को ही सीसीटीवी फुटेज देखनी चाहिए। उनसे पहले ही कोई पुलिसकर्मी क्यों रिकार्डिंग लेने आया। क्या इसके पीछे कोई और मकसद तो नहीं। खुद को बचाने के लिए तो यह कोशिश नहीं की जा रही।