तीन दोस्तों ने अखाड़े में कराया कड़ा अभ्यास, चार पहलवान बेटियां खेलो इंडिया में दिखाएंगी दम
पट्टीकल्याणा गांव के कृष्ण कुमार छौक्कर विनोद कुमार और विक्की का सपना था कि वे अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीते। आर्थिक तंगी की वजह ये सपना पूरा नहीं हुआ। न ही उन्हें सरकारी नौकरी मिली। तीनों दोस्तों ने ठान लिया कि वे अंतरराष्ट्रीय पहलवान तैयार करेंगे। उन्होंने बिना सरकारी मदद के गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बाबा ज्ञानीराम अखाड़े में पहलवानों का कड़ा अभ्यास कराया और 25 से ज्यादा राज्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहलवान तैयार कर दिए।
विजय गाहल्याण, पानीपत : पट्टीकल्याणा गांव के कृष्ण कुमार छौक्कर, विनोद कुमार और विक्की का सपना था कि वे अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में पदक जीते। आर्थिक तंगी की वजह ये सपना पूरा नहीं हुआ। न ही उन्हें सरकारी नौकरी मिली। तीनों दोस्तों ने ठान लिया कि वे अंतरराष्ट्रीय पहलवान तैयार करेंगे। उन्होंने बिना सरकारी मदद के गांव के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बाबा ज्ञानीराम अखाड़े में पहलवानों का कड़ा अभ्यास कराया और 25 से ज्यादा राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पहलवान तैयार कर दिए। इसी अखाड़े की अंतरराष्ट्रीय पहलवान कोमल पांचाल ने यमुनानगर में 3 से 5 जनवरी को 43 किलोग्राम में स्वर्ण पदक जीता। कोमल, पांचाल, तनीषा, नेहा और देहरा गांव की संजू का खेलो इंडिया में चयन हो गया है। अखाड़े की ख्याति अब प्रदेश भर में है। अखाड़े में 125 लड़के व लड़कियां अभ्यास करते हैं। पांच महीने ही मिला सरकारी कोच, कोच की नहीं हो रही नियुक्ति गुरु मलखान खेल समिति के प्रधान मांगेराम छौक्कर ने बताया कि बाबा ज्ञानीराम अखाड़े में पांच महीने तक सरकारी कोच बिजेंद्र गुलिया तैनात रहे। इसके बाद सरकारी कोच की नियुक्ति नहीं की गई। कोच नियुक्ति को लेकर वे दो बार जिला खेल अधिकारी अनिल कुमार को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। सरकार कोच की अखाड़े में तैनाती की जाए तो पहलवान और ज्यादा पदक जीत सकते हैं। मजदूर की बेटियां सफलता के शिखर पर सतीश पांचाल मजदूर हैं। उनकी बेटी कोमल अंडर-15 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण, एशियन चैंपियनशिप में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीत चुकी हैं। शिक्षक सतबीर की बेटी नेहा स्कूल नेशनल में स्वर्ण, सेवानिवृत फौजी बिजेंद्र की बेटी तनीषा स्टेट में तीन कांस्य और देहरा के राजमिस्त्री फूल ¨सह बेटी संजू स्कूल नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। मजदूर की बेटियां सफलता के शिखर पर हैं।