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बच्‍चों को मिले दो करोड़ रुपये कहां गए, ये कहानी तो हैरान कर देने वाली

पुलिस ने माना- पार्क में बच्चों को मिले रुपये। सवाल अब भी वही- आखिर गए कहां। देवीलाल पार्क में बच्चों को दो करोड़ मिलने के मामले में पुलिस ने स्कूल संचालक, बच्चों से की पूछताछ।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 04:40 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 04:40 PM (IST)
बच्‍चों को मिले दो करोड़ रुपये कहां गए, ये कहानी तो हैरान कर देने वाली
बच्‍चों को मिले दो करोड़ रुपये कहां गए, ये कहानी तो हैरान कर देने वाली

पानीपत, जेएनएन - पार्क में पिकनिक मनाने गए बच्‍चों को मिले दो करोड़ रुपये के बारे में पुलिस दूसरे दिन भी कुछ पता नहीं लगा पाई। पुलिस ने यह अपनी जांच में यह तो मान लिया कि बच्चों को रुपये मिले हैं। सवाल यही उठता है कि रुपये आखिर कहां चले गए? डीएसपी और एसएचओ शहर ने करीब छह घंटे तक बच्चों और स्कूल संचालकों से लंबी पूछताछ की।

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एक छात्र  ने स्कूल संचालक पर रुपये से भरा बैग ले जाने का आरोप लगाया। स्कूल संचालक ने आरोपों को निराधार बताते हुए छात्र पर बकाया फीस में छूट के लिए आरोप लगाने की बात कही। पुलिस अधिकारियों ने लंबी पूछताछ के बाद साफ किया कि बच्चों को पार्क में रुपये मिले थे, लेकिन एक पिस्तौल व एक चाकू और एक क्रॉस लगा फोटो मिलने से इन्कार कर दिया। थाना शहर में पूरा दिन ऊहापोह की स्थिति बनी रही।

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महिला के साथ हो गई कहासुनी।

सुबह 11:30 से सायं 5 बजे तक दर्ज किए बयान
पुलिस ने मदर प्राइड स्कूल के संचालक परमजीव आनंद उर्फ निक्कू और स्कूल के छह बच्चों को थाना शहर में बुलाया। पहले थाना प्रभारी विक्रांत ने स्कूल संचालक और विद्यार्थियों से बातचीत कर पूरे मामले की जानकारी ली। इसके बाद डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स पहुंचे। उन्होंने इस मामले में पांचवीं कक्षा के एक छात्र से अकेले में पूछताछ की। इसके बाद बाकी पांच अन्य बच्चों से जानकारी ली। स्कूल संचालक ने डीएसपी के सामने भी अपने वही बयान दोहराए। प्रिंस के अभिभावकों और स्कूल संचालक के साथ आई एक महिला के बीच कहासुनी भी हुई। थाना प्रभारी ने दोनों को शांत किया।

छात्र के माता-पिता ने स्कूल संचालक को घेरा
नूरवाला के महेंद्र और उनकी पत्नी शीतल ने कहा कि स्कूल संचालक चिल्ड्रन डे पर उनके बेटे प्रिंस समेत स्कूल के अन्य बच्चों को ताऊ देवीलाल पार्क में पिकनिक पर लेकर गया था। ऐसे में स्कूल संचालक और स्टाफ की सारी जिम्मेदारी थी। स्कूल संचालक ने पार्क में जाते ही बच्चों को घूमने के लिए छोड़ दिया। संचालक को रुपये मिलने की भनक लगी थी तो उन्होंने प्रशासन या पुलिस को किसी तरह की सूचना नहीं दी। स्कूल संचालक पूरे मामले को उनके बेटे पर डाल रहा है। वे कानूनी लड़ाई लडऩे को तैयार हैं।

एक बच्चे का पिता बोला- स्कूल संचालक बोल रहा झूठ
कुटानी के कृष्णलाल ने बताया कि उसका बेटा निशांत स्कूल की पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। उसने उसी दिन शाम को घर आकर मामले की जानकारी दी थी। इस मामले में स्कूल संचालक खुद को बचाने के लिए बच्चों पर मामला डाल रहा है।

प्रिंस बयान पर रहा कायम
मदर प्राइड स्कूल की पांचवीं कक्षा का छात्र प्रिंस  इस मामले में मुख्य गवाह है। प्रिंस को उसके अभिभावक मीडिया के सामने भी लेकर आए। प्रिंस  ने बताया कि वह बाकी लड़कों के साथ पार्क में खेल रहा था। उसको पार्क में एक तरफ पैसों से भरा एक बैग मिला। जिसमें पांच-पांच सौ की गड्डी थी। उसने पहले नोट नकली समझकर उड़ाने की सोची, लेकिन गड्डी हाथ में लेते ही असल होने का आभास हुआ। वह बैग को दूसरी जगह रख आया। उसने स्कूल संचालक परमजीव आनंद को जानकारी दी। स्कूल संचालक उसको गाड़ी में बैठाकर पार्क में ले आया। उसने गाड़ी की डिग्गी में रुपये से भरा बैग रखवाया और स्कूल आ गए। उन्होंने प्रशासन को जानकारी देने को कहा, लेकिन स्कूल संचालक ने उसको चुप रहने और पांच-सात दिन छुट्टी करने को कहा। उसने आरोप लगाया कि स्कूल संचालक सामान्य दिनों में स्कूल के गेट पर गाड़ी खड़ी करते थे, लेकिन उस दिन गाड़ी स्कूल की पिछली तरफ खड़ी की।

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सर्राफा बाजार के प्रधान राजेश सूरी भी पहुंचे।

तीन बातें जो मामले से नहीं उठने से दे रही पूरा पर्दा
नंबर-एक
सर्राफा एसो. के प्रधान राजेश सूरी स्कूल संचालक परमजीव आनंद के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि वे पहले दिन से पूरे मामले की कार्रवाई में साथ हैं। बच्चे प्रिंस और उसके अभिभावकों ने 14 नवंबर की रात को मामले की जानकारी लगते ही पुलिस के बुलाने पर आने से इन्कार कर दिया था। 15 नवंबर को बच्चे ने बताया कि वह रेलट्रैक के साथ रुपये रख आया था। छात्र प्रिंस और लव के बयान भी अलग-अलग हैं।

नंबर-दो
प्रिंस को जब पार्क ले जाया गया तो उसने फिर बताया कि पार्क में एक अन्य व्यक्ति भी उस वक्त था। उसने टोपी पहन रखी थी। उसने उक्त व्यक्ति से मोबाइल लेकर रुपये के बारे में पुलिस और प्रशासन को सूचना देने की बात कही। उक्त व्यक्ति ने उनको भेज दिया और बैग में बरामद रुपये के बारे में खुद पुलिस को सूचना देने को कहा। पुलिस ने पार्क से एक टोपी बरामद की है। प्रिंस ने उस टोपी को उक्त व्यक्ति की बताई है।

नंबर-तीन
प्रिंस ने कहा कि उसने मैडम की मार के डर से रुपये के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। उसने रुपये से भरा बैग उनकी गाड़ी में रख दिया था। वह इसके कुछ दूरी पर एक डिब्बे में एक पिस्तौल और एक चाकू होने और उसी में क्रॉस लगा एक फोटो होने की बात कह रहा है।

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मीडिया से बात करते डीएसपी सतीश।

डीएसपी ने रुपयों की मानी, पिस्तौल से किया इन्कार
डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स और थाना शहर प्रभारी विक्रांत मीडिया से रूबरू हुए। डीएसपी सतीश कुमार वत्स ने बताया कि मदर प्राइड स्कूल के बच्चों द्वारा देवीलाल पार्क में रुपये से भरा बैग मिलने की बात सामने आई है। पुलिस ने इसमें सीआइए-टू प्रभारी योगेश कुमार और थाना शहर प्रभारी विक्रांत की संयुक्त टीम बनाई है पुलिस ने जांच भी की। बच्चे पिस्तौल व एक फोटो मिलने की बात कह रहे हैं, लेकिन ऐसा कुछ सामने नहीं आया है।

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देवीलाल पार्क, जहां मिले रुपये।

स्कूल संचालक बोले- आरोप निराधार
मदर प्राइड स्कूल के संचालक असंल निवासी परमजीव आनंद मीडिया के सामने आए। बताया कि रुपये का बैग ले जाने के आरोप निराधार हैं। एक बच्चा इतनी कहानी बना रहा है और हर कोई उस पर यकीन कर रहा है।


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