शिक्षा विभाग के इस आदेश ने बढ़ा दी एससी छात्रों की चिंता
प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की चिंता बढ़ गई है।
शैलजा रानी, जगाधरी
प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा विभाग ने जोर का झटका धीरे से दिया है। चूंकि विभाग एससी स्टूडेंट्स के खाते में छात्रवृत्ति की राशि डालेगा, इसलिए विभाग ने 23 अगस्त को पत्र जारी कर सभी शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्तर पर विद्यार्थियों से फीस/फंड की रिकवरी करें। शिक्षा विभाग के इस फैसले से उन विद्यार्थियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो सेल्फ फाइनेंस कोर्स में दाखिला लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं एकदम से फीस का जुगाड़ नहीं कर सकते।
उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेज में ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की थी। एडमिशन पोर्टल पर ऐसी व्यवस्था की गई थी कि एससी स्टूडेंट को बिना किसी फीस भुगतान के एडमिशन मिल जाए। इसके बाद प्रदेश की विभिन्न यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में हजारों एससी विद्यार्थियों को बिना किसी भुगतान के दाखिला लिया है। अभी सत्र शुरू हुए एक महीना ही बीता है कि उच्चतर शिक्षा विभाग ने फरमान जारी कर दिया कि शिक्षण संस्थान एससी स्टूडेंट से फीस व फंड की रिकवरी करें। खातों का आधार से ¨लक जरूरी
एससी स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति का भुगतान उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा डीबीआइ के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों को आवेदन करना होगा। साथ ही सभी शिक्षण संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यार्थी आवेदन के समय उसी खाते का अकाउंट नंबर अंकित करें, जो आधार कार्ड से ¨लक हो। अगर खाता आधार से ¨लक नहीं पाया गया तो छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं होगा, जिसकी जिम्मेदारी स्वयं विद्यार्थी की होगी। विद्यार्थियों पर पड़ेगा आर्थिक बोझ
इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन के कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन विक्रम गुर्जर का कहना है कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद एससी स्टूडेंट से फीस रिकवरी का फरमान जारी करना गलत है। अधिकांश एससी स्टूडेंट्स ऐसे पारिवारिक परिदृश्य से आते हैं, जिनकी आय बहुत कम होती है। शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पूर्व इसकी जानकारी दी जानी चाहिए थी।
वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एनएसयूआइ के सह संयोजक रजत शर्मा का कहना कि एससी स्टूडेंट से सत्र के बीच में फीस लेना गलत है। अगर सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो एनएसयूआइ प्रदर्शन करेगी।