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अजीजुल्लापुर के 13 परिवारों को खाली करना होगा मकान

गांव के तालाब और फिरनी पर कब्जा कर बना लिया था मकान और चौपाल हाईकोर्ट ने संयुक्त आयुक्त की कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार निगम ने मकान और प्रतिष्ठान खाली करने के लिए दो दिन का दिया समय।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 07:56 AM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 07:56 AM (IST)
अजीजुल्लापुर के 13 परिवारों को खाली करना होगा मकान
अजीजुल्लापुर के 13 परिवारों को खाली करना होगा मकान

जागरण संवाददाता, पानीपत : वार्ड-1 के अंतर्गत अजीजुल्लापुर गांव के 13 लोग मकानों का केस पांच साल बाद हाईकोर्ट में भी हार गए हैं। गांव के 43 परिवारों पर तालाब और फिरनी की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। इनमें से 13 परिवारों ने संयुक्त आयुक्त की कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने नगर निगम के संयुक्त आयुक्त की कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है और नगर निगम को 5 सितंबर तक कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।

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हाईकोर्ट का फैसला आते ही नगर निगम कार्रवाई के लिए एक्शन में आ गया है। निगम के ईओ ने शनिवार को छुट्टी के दिन भी संबंधित कब्जाधारियों को नोटिस भेजे। उनको मकान व दूसरे प्रतिष्ठान खाली करने के लिए दो दिन का समय दिया है। ऐसा न करने पर निगम तीन सितंबर को पुलिस की मदद लेकर कब्जे हटवाएगा। इन लोगों को कब्जा हटाने का नोटिस दिया

नगर निगम के ईओ विनोद नेहरा ने बताया कि शनिवार को सभी 13 कब्जाधारियों को नोटिस दे दिया गया है। इनमें गुरदीप सिंह पुत्र तेज सिंह, बलबीर सिंह, सुच्चा सिंह, लखविद्र सिंह पुत्र उजागर सिंह, प्रधान वाल्मीकि चौपाल, प्रकाश पुत्र सीतूराम, गंगाराम पुत्र रामदिया, बलवान सिंह पुत्र प्रकाश, जिलेराम व राजाराम पुत्र रामदिया, सुरेंद्र सिंह पुत्र जगीर सिंह, सुच्चा सिंह, बलजीत सिंह पुत्र जरनैल सिंह व जसमेर सिंह पुत्र प्रकाश शामिल हैं। यह है मामला

अजीजुल्लापुर गांव नगर निगम के वार्ड-1 के अंतर्गत आता है। गांव के 43 लोगों ने तालाब और फिरनी पर मकान बना लिए थे। इनमें से एक वाल्मीकि चौपाल भी है। नगर निगम की संयुक्त आयुक्त की कोर्ट में मामले पर सुनवाई चली। हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1004 की धारा 408-ए (1) (बी) के तहत नगर निगम ने 11 अगस्त 2014 को ग्रामीणों को नोटिस दिए थे। उस वक्त तीन लोग नहीं मिले थे। ग्रामीण इसके बाद हाईकोर्ट में चले गए। हाईकोर्ट ने उस वक्त भी आदेश दिया था। 13 लोग फिर से अपील में चले गए थे। अब फिर ग्रामीण हाईकोर्ट में केस हार गए हैं। पूर्व सरपंच गांव की 7-8 एकड़ छुड़वाने की लड़ रहा लड़ाई

अजीजुल्लापुर के पूर्व सरपंच महाबीर सिंह गांव की 7-8 एकड़ जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने जिला कष्ट निवारण समिति में भी शिकायत लगाई थी। महाबीर का आरोप है कि गांव में इस्तेमाल 1961-62 में हुआ था। 7-8 एकड़ जमीन मकबूजा सरेआम छोड़ी थी। अंसल सुशांत सिटी ने इस जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा कर लिया गया। अब ग्रामीणों को आने-जाने का रास्ता भी नहीं दिया जा रहा है।


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