परचून सब्जी विक्रेताओं का धरना, गृहमंत्री को भेजेंगे ज्ञापन
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के पानीपत नहीं आने के कारण परचून सब्जी विक्रेता अपनी मांगों का ज्ञापन नहीं दे सके। गृहमंत्री के पूर्व पार्षद स्व. हरीश शर्मा की रस्म क्रिया पर आने की संभावना थी। छोटी मंडी की मांग को लेकर परचून विक्रेताओं का धरना 12 वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के पानीपत नहीं आने के कारण परचून सब्जी विक्रेता अपनी मांगों का ज्ञापन नहीं दे सके। गृहमंत्री के पूर्व पार्षद स्व. हरीश शर्मा की रस्म क्रिया पर आने की संभावना थी। छोटी मंडी की मांग को लेकर परचून विक्रेताओं का धरना 12 वें दिन भी जारी रहा। धरना दे रहे सब्जी विक्रेताओं ने मंगलवार को डीसी के माध्यम से ज्ञापन गृहमंत्री अनिल विज को भेजना का फैसला लिया है।
सनौली रोड पर परचून मंडी की मांग के लिए धरने पर बैठे जिला पार्षद देव मलिक व प्रधान प्रेम सिंह ने बताया कि लगातार 12 दिन से सैकड़ों लोग सनौली रोड पर सांसद संजय भाटिया के कार्यालय के सामने भूख हड़ताल और धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन विधायक, मेयर या अन्य किसी बड़े नेता ने इनकी सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा। विधायकों व मेयर की तरफ से बार-बार केवल आश्वासन ही दिए जा रहे हैं।
सब्जी विक्रेता संघर्ष समिति फिर से सयुंक्त व्यापार मंडल व अन्य समाजसेवी लोगों के साथ विधायकों से मुलाकात का प्रयास करेगी। ग्रामीण व शहरी विधानसभा दोनों में लगने वाले निगम के पार्षदों ने सनौली रोड पर परचून मंडी के समर्थन में लिखित दिया हुआ है।
भाजपा के जिला पार्षद देव मलिक ने कहा कि मंडी शिफ्टिग में लाखों रुपये की लूट हुई है और सनौली रोड से मंडी शिफ्ट करने के बाद करोड़ों की खाली जगह को अपने चहेते डीलरों को कौड़ियों के भाव बेचने की साजिश है। धरना स्थल पर औरतों की भूख हड़ताल भी लगातार जारी है। धरने देने वालों में मुख्य रूप से दलबीर भोसले, राकेश देशवाल, संसार, जोनी, राजा, राजबाला, सावित्री, अनिता, सुनीता, दीपक, सोनू ओमप्रकाश, बंटी, जतिन, सलीम मौजूद रहे। मार्केट कमेटी ने साधी चुप्पी
परचून सब्जी विक्रेताओं को लेकर मार्केट कमेटी ने चुप्पी साध ली है। कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि मंडी शिफ्ट हो चुकी है। नई सब्जी मंडी में काम ठीक चल रहा है। जिन परचून सब्जी विक्रेताओं को जगह अलाट की गई, वे अपना काम कर रहे हैं। हालांकि मंडी विकसित करने में परचून विक्रेताओं के लिए जगह उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी कमेटी की नहीं है। उसके बाद भी 300 लोगों का जगह दी गई है।