शहर के विकास का खाका आचार संहिता में फंस गया था, अब मिलेगा रास्ता
मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में नगर निगम अधिकारियों की 28 को बैठक लेंगे नगर निगम ने आचार संहिता से पहले टेंडर लगाकर वर्क ऑर्डर जारी करने का किया था प्रयास आखिरी दिनों में टेंडर फंसने के चलते रोक दी थी सब प्रक्रिया डी-प्लान के भी दो दर्जन से अधिक काम अधूरे पड़े हैं
जागरण संवाददाता, पानीपत : लोकसभा चुनाव की आचार संहिता में शहर का विकास फंस गया था। अब शहर और गांवों में विकास कार्यों का रास्ता खुल गया है। अधिकारियों के पास अब अधूरे पड़े और नए कामों को पूरा करने के लिए 100 दिन का समय होगा। सरकार भी इसके लिए गंभीर होगी। मुख्यमंत्री विधानसभा में सरकार दोहराने के लिए जनता के बीच विकास का मुद्दा लेकर जाएंगे। ऐसे में वे शहरों और गांवों के विकास कार्यों को अपने हाथ में लेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 28 मई मंगलवार को नगर निगम अधिकारियों की बैठक बुलाई है। वे अपनी देखरेख में विकास कार्यों की रिपोर्ट लेंगे। बैठक में मेयर अवनीत कौर भी शामिल होंगी।
चुनाव आचार संहिता 27 मई को खत्म होगी। अधिकारियों ने लोकसभा के चुनावों की गणना का कार्य पूरा होते ही विकास कार्य कराने के लिए काम शुरू कर दिया है। निदेशालय स्तर के अधिकारियों ने सभी अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। वित्त आयुक्त ने निगम अधिकारियों की ली बैठक
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के वित्तायुक्त आनंद मोहन शरण ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में पूरे प्रदेश के अधिकारियों की बैठक ली। पानीपत नगर निगम के तकनीकी अधिकारी बैठक में शामिल हुए। अधिकारियों ने अमरुत योजना के अलावा दूसरे विकास कार्यों की रिपोर्ट रखी। वित्तायुक्त ने कहा कि अधिकारी विकास कार्यों में तेजी लेकर आएं। नए कामों के जल्द से जल्ट टेंडर लगाकर समय अवधि में पूरे कराएं। उन्होंने पहले के रुके कार्यों में भी तेजी लाने के आदेश दिए। शहर में करोड़ों के काम पर ब्रेक
नगर निगम अधिकारियों ने लोकसभा की आचार संहिता लागू होने से पहले करीब 50 करोड़ के विकास कार्यों के टेंडर मंजूर किए थे। इनमें से कुछ के वर्क ऑर्डर कर दिए थे, लेकिन कुछ काम अटक गए थे। अधिकारियों ने इनको शुरू कराने का प्रयास किया, लेकिन आचार संहिता के चलते पीछे हटना पड़ा। ऐसे में डी-प्लान व निगम के तकनीकी कार्य शुरू नहीं हो पाए थे। ऐसे करीब तीन दर्जन कार्य हैं। सेक्टर-25 समेत कई सड़कों के जारी होंगे टेंडर
नगर निगम में कई बड़े काम पिछले दिनों टेंडरों में फेल हो गए थे। निगम अधिकारी अब आचार संहिता हटते ही इनके टेंडर लगा दिए हैं। जीटी रोड मलिक पेट्रोल पंप से महाराजा अग्रसेन चौक तक 1.69 करोड़ में बनने वाली सड़क के टेंडर लगाए जाएंगे। यह सड़क पिछली बार सिगल टेंडर आने के चलते मंजूर नहीं हो सकी थी। सेक्टर-29 बाईपास से सेक्टर-29 पुलिस चौकी तक की 94.92 लाख में बनने वाली सड़क भी छूट गई थी। इधर सेक्टर-29-1 में करीब चार करोड़ की सड़कें अटकी हुई हैं। निगम कमिश्नर वीना हुड्डा ने गत महीने सेक्टर का दौरा कर उद्यमियों की मांग पर इन सड़कों के दोबारा टेंडर लगाने का आश्वासन दिया था। शहर में इसके अलावा कई दर्जन गलियों और सड़कों के नए टेंडर लगाए जाने हैं। अमरुत योजना निगम का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट
नगर निगम के पास अमरुत योजना सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। निगम ने हाल ही में वैध 78 कॉलोनियों में योजना के तहत पेयजल और सीवर पाइप लाइन बिछानी है। 29 कॉलोनियों में पेयजल और सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। क्या कहते हैं अधिकारी
निदेशालय स्तर पर विकास कार्यों को लेकर मीटिग हुई है। अमरुत योजना समेत दूसरे कार्यों पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। सड़कों और गलियों के नए टेंडर आचार संहिता के हटते ही लगा दिए जाएंगे।
रमेश कुमार, एसई, नगर निगम। सेक्टर-29 बाईपास की सड़क बनाने का काम शुरू
सेक्टर-29 बाईपास की सड़क बनाने का काम शुक्रवार को शुरू हो गया है। 2.67 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क थ्री लेयर में बनाई जाएगी। इसके साथ 1.17 करोड़ की लागत से सेक्टर-25 की मुख्य सड़क बनाई जाएगी। विदित है कि नगर निगम ने दोनों सड़कों के टेंडर 21 फरवरी को लगाए थे। लोकसभा की आचार संहिता से पहले ही इनके वर्क ऑर्डर जारी कर दिए थे। मेयर अवनीत कौर ने गत सप्ताह दोनों सड़कों पर ठेकेदार के हॉर्डिंग लगा दिए थे। इधर स्थानीय लोगों ने निर्माण सामग्री पर भी सवाल उठाए हैं।
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