डायरिया का खतरा बढ़ा, सिविल अस्पताल में पहुंच रहे हैं 25-30 मरीज
चिलचिलाती गर्मी हीट स्ट्रोक के दौरान खानपान में लापरवाही बरतने से डायरिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। सिविल अस्पताल में रोजाना 25-30 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सात-आठ कम बाकी हैं। मरीजों के इलाज के साथ उन्हें खानपान में सावधानी बरतने की सलाह डाक्टर दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : चिलचिलाती गर्मी, हीट स्ट्रोक के दौरान खानपान में लापरवाही बरतने से डायरिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। सिविल अस्पताल में रोजाना 25-30 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सात-आठ कम, बाकी हैं। मरीजों के इलाज के साथ उन्हें खानपान में सावधानी बरतने की सलाह डाक्टर दे रहे हैं।
सिविल अस्पताल के कंसल्टेंट डा. जितेंद्र त्यागी ने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में रोजाना करीब 250-300 पहुंचते हैं। शुक्रवार की बात करें तो करीब 15-20 मरीज डायरिया से पीड़ित रहे। शिशु रोग ओपीडी में करीब 100 बच्चे इलाज के लिए पहुंचे। इनमें आठ डायरिया से पीड़ित रहे। अन्य को खांसी-जुकाम, त्वचा रोग आदि बीमारियां थी। हालांकि, डायरिया बच्चों को अधिक सताता है लेकिन इस बार व्यस्क मरीज अधिक हैं। दवा के साथ ओआरएस घोल के पाउच मरीजों को दिए जा रहे हैं।
डा. त्यागी के मुताबिक इंफेक्शस डायरिया के इलाज के साथ डीहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी होना) की स्थिति से बचने के लिए खूब पानी पिएं। बासी भोजन, दूषित पानी, बाजारों में बिक रहे सड़े-कटे फल बिल्कुल न खाएं। डायरिया के लक्षण :
-उल्टी-दस्त होना।
-स्वभाव चिड़चिड़ा होना।
-कमजोरी महसूस होना।
-पल्स मंद होना। बीमारी से बचने के उपाय :
-डाक्टर से तुरंत परामर्श लें।
-उबला हुआ पानी ठंडा करके पिएं।
-खुले में बिकने वाली चीजें न खाएं।
-गन्ने का रस पीने से बचें।
-बासी भोजन बिल्कुल न खाएं।
-तेज धूप से बचाव करें।
-साफ-सफाई का ख्याल रखें।
-भोजन सेवन से पहले साबुन से हाथ धोएं।
-शरीर में पानी की कमी न होने दें।
-प्यास लगने पर ओआरएस का घोल पिएं।