मनाना का ¨प्रस बना खो खो का राजकुमार
जिले का गांव है मनाना। यहां खो खो के खिलाडि़यों की फौज तैयार हो रही है। इसी फौज में एक खिलाड़ी है ¨प्रस।
रामकुमार कौशिक, समालखा
जिले का गांव है मनाना। यहां खो खो के खिलाडि़यों की फौज तैयार हो रही है। इसी फौज में एक खिलाड़ी है ¨प्रस। मेहनत के दम पर आज वह खो खो का राजकुमार बन चुका है। सोलह साल की उम्र में वो पंद्रह बार स्टेट तो सात बार नेशनल खेल चुका है। सिरसा स्थित एक खेल एकेडमी में शिक्षा के साथ खो खो का प्रशिक्षण ले रहा है।
मनाना वासी फोटोग्राफर रतनलाल बताते हैं कि उनके तीन बेटे व एक बेटी है। गांव में खो खो के प्रति बच्चों में खासा उत्साह है। उन्होंने अपने दो छोटे बेटों को खो खो में उतार दिया। बड़ा बेटा निशांत भी कई बार स्टेट लेवल तक खेल चुका है लेकिन छोटे बेटे ¨प्रस का आठ साल की उम्र से ही ऐसा लगाव हुआ कि उसे शिक्षा व खेल के अलावा कुछ नहीं दिखता। चाहे बारिश आए या आंधी तूफान। वो अभ्यास करने के लिए मैदान पर जरूर जाता है। उसकी यही लगन और मेहनत उसे लगातार आगे लेकर जा रही है।
¨प्रस ने बताया कि वह सिरसा स्थित ब्रह्मं स्पोर्ट्स एकेडमी में प्रशिक्षण लेने के साथ साथ दसवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। अंडर 14 व 17 में खेलते हुए करीब पंद्रह बार स्टेट व सात बार नेशनल टूर्नामेंट खेले हैं। उसका लक्ष्य देश के लिए खेलने के साथ आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा करना है। बड़ा भाई राहुल भी उसे सेना की वर्दी में देखना चाहता है।