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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं करता कार्रवाई, फैक्ट्री मालिक ड्रेनों में घोल रहे 'जहर'

पानीपत में डाई हाउस संचालक शहर के पानी को प्रदूषित करने के साथ ड्रेन नंबर एक और दो में पानी छोड़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 07:53 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 07:53 AM (IST)
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं करता कार्रवाई, फैक्ट्री मालिक ड्रेनों में घोल रहे 'जहर'
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं करता कार्रवाई, फैक्ट्री मालिक ड्रेनों में घोल रहे 'जहर'

जागरण संवाददाता, पानीपत : डाई हाउस संचालक शहर के पानी को प्रदूषित करने के साथ ड्रेन नंबर-वन और टू में जहरीला पानी छोड़कर यमुना को भी मैला कर रहे हैं। हालात यह है कि ड्रेन नंबर-वन और टू का पानी शहर से निकलते ही जहरीला दिखता है। खुद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त होने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों की अनदेखी कर रहा है। अधिकारियों से मिलीभगत कर संचालक धड़ल्ले से डाई हाउस चला रहे हैं।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यमुना तक डाई हाउसों का पानी न जाने का दावा कर रहा है। दैनिक जागरण ने शुक्रवार को शहर के बीचोंबीच से गुजर रही ड्रेन नंबर-वन और शहर के बाहर से निकल रही ड्रेन नंबर-दो का मौका देखा। ड्रेन नंबर वन में आधे शहर तक नालों का पानी मिलता है, लेकिन औद्योगिक सेक्टरों से निकलते-निकलते पानी लाल हो जाता है। डाई हाउस संचालक इसमें पानी छोड़ रहे हैं। बाबरपुर से निकलने वाली ड्रेन नंबर-टू में बरसत रोड तक पानी सामान्य होता है, लेकिन इससे आगे सनौली रोड पर छाजपुर पुलिया तक आते-आते इसका पानी भी लाल हो जाता है।

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टैंकरों से ले जाते हैं पानी

शहर के कई डाई हाउस संचालकों ने दूषित पानी दूर ले जाकर छोड़ने के लिए ट्रैक्टर-टैंकर लगा रखे हैं। ट्रैक्टर चालक सुबह से शाम तक ड्रेन नंबर-वन और टू में जगह-जगह जाकर पानी छोड़ रहे हैं। ट्रैक्टर चालक अधिकारियों को पता लगने पर कार्रवाई न होने तक का दावा कर रहे हैं। एक ट्रैक्टर चालक ने बताया कि उनके डाई हाउस मालिकों की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों तक पहुंच है।

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केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के नोटिसों से भी अधिकारियों की नींद नहीं टूटी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नियमों को तोड़ने वाले डाई हाउसों और दूसरी यूनिटों को लगातार नोटिस भेज रहा है, लेकिन स्थानीय अधिकारी सख्ती नहीं कर रहे हैं। पीसीबी की तरफ से पिछले दिनों 43 उद्योगों के सैंपल लिए थे। इनमें से 21 फेल हुए। इनमें से सभी पर कार्रवाई नहीं की गई। विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय अपने दावे गिनवाने लग जाते हैं।

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वर्जन :

विभाग की तरफ से समय-समय पर डाई हाउसों और दूसरी औद्योगिक इकाइयों के सैंपल भरे जाते हैं। रिपोर्ट के आधार पर ही इन पर किसी तरह की कार्रवाई की जाती है। ड्रेन नंबर वन और टू में पानी छोड़ने संबंधित जानकारी नहीं है। इन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

-भूपेंद्र चहल, आरओ, पीसीबी।


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