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ये है फौजियों का मंधार गांव, एलओसी से चलती यहां की राजनीति Panipat News

हरियाणा का साढौरा विधानसभा में मंधार गांव है। यहां 90 फीसद वोट एक ही प्रत्याशी की झोली में डाले जाते हैं। यहां की राजनीति एलओसी से तय होती है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 10:32 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 12:19 PM (IST)
ये है फौजियों का मंधार गांव, एलओसी से चलती यहां की राजनीति Panipat News
ये है फौजियों का मंधार गांव, एलओसी से चलती यहां की राजनीति Panipat News

पानीपत/यमुनानगर, [राजेश कुमार]। मंधार गांव है तो साढौरा विधानसभा में, लेकिन इसकी राजनीति एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) से चलती है। गांव के 232 फौजी बार्डर पर दुश्मनों से देश की रक्षा कर रहे हैं। जितनी पैनी नजर से वे पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ करने वाले आतंकियों पर रखते हैं, उतना ही ध्यान अपने गांव का भी रखते हैं। बात चाहे अपने गांव में होने वाले विकास कार्यो की हो या फिर पंचायत से लेकर लोकसभा चुनावों में प्रत्याशियों को वोट डालने की। गांव के 90 फीसद वोट एक ही प्रत्याशी की झोली में डलते हैं।

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परिजनों से कर रहे विधानसभा चुनावों की चर्चा

गांव के 232 युवक भले ही फौज में हो, लेकिन परिजन उनसे जरूर पूछते हैं कि किसे वोट डालनी हैं। फौजी बेटों से जवाब मिलता है कि केवल अपने लिए नहीं सोचना है, जिस पार्टी ने देश व गांव के लिए लिए कुछ किया हो उसके ही प्रत्याशी को वोट देना। समय-समय पर गांव में ये भी पता करते रहते हैं कि कौन-कौन से विकास कार्य चल रहे हैं। चुनाव से कुछ दिन पहले सभी लोग बैठकर मतदान को लेकर चर्चा करते हैं।

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गांव में 300 रिटायर्ड फौजी

गांव के करीब 300 फौजी सेना से रिटायर्ड हो चुके हैं। गांव के 11 सैनिक दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो चुके हैं। इतना ही नहीं गांव के सरदार चंद व सोहन सिंह आजाद हिंदू फौज का हिस्सा रह चुके हैं। मान सिंह कश्यप, अनिल कुमार, रामकर्ण, गुलाब सिंह, सुरेश कुमार, मुकेश कुमार, राजबीर, रवि, ऋषिपाल ने बताया कि मौजूदा विधायक ने गांव में काफी काम कराए हैं। चौपाल से लेकर गलियां तक बनी हैं। इस वक्त गांव में भाजपा की लहर है। साढौरा से मौजूदा विधायक बलवंत सिंह दोबारा मैदान में है। सोमवार को ही उन्होंने गांव में वोट मांगे थे। गांव की आबादी करीब 3000 और 1788 वोट हैं। लोगों ने बताया कि गांव के युवाओं में देश सेवा का जज्बा है। इसलिए इतनी संख्या में युवा फौज में है। भर्ती होने के बाद वे अपनी ड्यूटी बार्डर पर लगवाना चाहते हैं ताकि दुश्मनों से टक्कर ले सकें। गांव के 150 लोग विदेशों में रहते हैं। गांव की लड़कियां भी मतदान करने में आगे हैं। भले ही उनकी शादी क्यों न हो गई हो। जिनकी वोट नहीं कटी वो मतदान के लिए ससुराल से गांव में वोट डालने जरूर आती हैं।

खुद करते हैं सफाई, इसलिए चमक रहा गांव : सरपंच

सरपंच रणबीर पाल ने बताया कि गांव के लोग सफाई के लिए कभी भी कर्मचारी पर निर्भर नहीं रहते। सभी खुद सफाई कर लेते हैं। गांव के बाहर बोर्ड पर सभी शहीदों की फोटो लगी हैं। यहां से जो युवा फौज में हैं वो गांव में होने वाले कार्यो को लेकर बात करते रहते हैं। अभी भी गांव के काफी युवा फौज में जाने के लिए प्रेक्टिस कर रहे हैं।

  • ये भी जानें
  • 232 फौजी सरहद पर कर रहे देश सेवा
  • 300 फौजी सेना से रिटायर्ड हो चुके हैं
  • 3000 गांव की आबादी
  • 1788 वोट हैं मंधार गांव में
  • 150 लोग विदेश में रहते हैं, चुनाव में ग्रामीणों को देते हैं सलाह
  • 90 फीसद वोट एक ही प्रत्‍याशी की झोली में डालते हैं

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