फर्जीवाड़े को पटकनी, खिलाड़ी ने पोशाक पहनी तो खेलना ही होगा
राज्यस्तरीय स्पर्धा में जो खिलाड़ी खेलेगा उसे मैदान पर ही ड्रेस मिलेगी। खिलाडिय़ों को दस्तावेज भी साथ ले जाने होंगे। बदल गए अब ड्रेस के नियम। फर्जीवाड़ा रुकेगा।
पानीपत [विजय गाहल्याण] - अब खेल प्रतियोगिताओं में ड्रेस का फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। जो खिलाड़ी ड्रेस पहनेगा, उसे हर हाल में खेलना होगा। राज्यस्तरीय स्पर्धा में जो खिलाड़ी खेलेगा, उसे मैदान पर ही ड्रेस मिलेगी। खिलाडिय़ों को दस्तावेज भी साथ ले जाने होंगे। जिला खेल अधिकारी अनिल कुमार ने शिवाजी स्टेडियम से 333 खिलाडिय़ों को बिना ड्रेस के राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ के लिए रवाना किया दिया। 13 से 15 नवंबर को अंबाला में जिम्नास्टिक व बैडमिंटन, पंचकूला में एथलेटिक्स व टेबल-टेनिस, भिवानी में बॉङ्क्षक्सग व कबड्डी, हिसार में फुटबॉल व बास्केटबॉल, करनाल में वॉलीबॉल व जूडो, रोहतक में हॉकी व कुश्ती और गुरुग्राम में हैंडबॉल की प्रतियोगिताएं होंगी।
कौन से खेल में कितने खिलाड़ी
राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ में आर्चरी में 4 लड़के 4 लड़की, एथलेटिक्स में 24 लड़के 15 लड़की, बॉङ्क्षक्सग में 8 लड़के 10 लड़की, हैंडबॉल में 16 लड़के 16 लड़की, फुटबॉल में 18 लड़के 18 लड़की, हॉकी में 18 लड़के, 18 लड़की, जूडो में 7 लड़के और 7 लड़की भाग लेंगी। इसी तरह से वॉलीबॉल में 12 लड़के 12 लड़की, बास्केटबॉल में 12 लड़के 12 लड़की, कबड्डी में 12 लड़के 12 लड़की, जिम्नास्टिक में 7 लड़के 7 लड़की, टेबल-टेनिस में 5 लड़के 5 लड़की, बैडमिंटन में 5 लड़के 5 लड़की, लॉन टेनिस में 5 लड़के 5 लड़की, कुश्ती में 16 लड़के और 8 लड़कियां दमखम दिखाएंगी।
नाप की नहीं मिलेगी पोशाक - दीपांशु
मॉडल टाउन के शांति नगर का दिपांशु (8) खेल दल का सबसे कम आयु का खिलाड़ी है। दिपांशु ने बताया कि वह पहली बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शिरकत करेगा। तैयारी अच्छी है। उसे चिंता है कि खेल पोशाक उसके नाप की मिलेगी भी या नहीं। पानीपत से पोशाक मिलती तो टेलर से माप की पोशाक भी बनवा लेता।
पदक की है उम्मीद - कविता
400 मीटर दौड़ में भाग लेने वाली बड़ौली गांव की कविता ने बताया कि पिछले साल भी वह खेल महाकुंभ में खेली थी। तब चंद सेकेंड से वह पदक से चूक गई थी। इस बार तैयारी अच्छी है। पदक की उम्मीद है। खेल पोशाक पानीपत में मिल जाती तो अच्छी थी। पंचकूला में आपाधापी मचेगी।
जिले की होती थी बदनामी
जिला खेल अधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि खेल पोशाक लेने के बाद खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में नहीं खेलते थे। इससे न सिर्फ पदक कम मिलते थे बल्कि जिले की भी बदनामी होती थी। इस बार जहां खेल हो रहे हैं वहीं पर खिलाडिय़ों को खेल पोशाक मिलेगी।