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बोलेरो पिकअप की टक्कर से उद्योगपति के इकलौते बेटे की मौत

सेक्टर 12 में पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी की कोठी से 200 मीटर दूर शनिवार देरशाम सब्जी से भरे कैंटर ने ओवरटेक करते बोलेरो पिकअप ने साइकिल सवार को टक्कर मार दी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 02:56 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 06:16 AM (IST)
बोलेरो पिकअप की टक्कर से उद्योगपति के इकलौते बेटे की मौत
बोलेरो पिकअप की टक्कर से उद्योगपति के इकलौते बेटे की मौत

जागरण संवाददाता, पानीपत:

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सेक्टर 12 में पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी की कोठी से 200 मीटर दूर शनिवार देरशाम सब्जी से भरे कैंटर ने ओवरटेक करते बोलेरो पिकअप ने साइकिल सवार को टक्कर मार दी। इस हादसे में प्रसिद्ध उद्योगपति के इकलौते बेटे की मौत हो गई। आरोपित चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया।

घटना करीब 7:30 बजे की है। सेक्टर-12 के हैंडलूम के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश खुराना का इकलौता बेटा कृषांग खुराना द मिलेनियम स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र था। इसी स्कूल में उसकी बड़ी बहन सानिका 12वीं कक्षा की छात्रा है। कृषांग साइकिल से सेक्टर-12 में ट्यूशन पढ़ने जा रहा था। इसी दौरान सब्जी से भरे बोलेरो पिकअप ने साइकिल को टक्कर मार दी। कृषांग उर्फ निक के दादा पुरुषोत्तम खुराना हैदराबाद समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। वे वार्ड-7 के श्रीराम मंदिर के पूर्व प्रधान और जगन्नाथ धाम हरिद्वार के ट्रस्टी भी हैं। इस हादसे में कृषांग के सिर में गंभीर चोट लगी और नाक से खून बहने लगा। वह बेहोश हो गया, जिसे एक उद्योगपति की पत्‍‌नी ने अस्पताल पहुंचाया और फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल किया। उसे पहले सेक्टर 11 जीसी गुप्ता और फिर प्रेम अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सेक्टर-11-12 चौकी प्रभारी राजकुमार का कहना है कि कैंटर कब्जे में ले लिया है और आरोपित चालक की तलाश की जा रही है। पुरुषोत्तम खुराना के बड़े बेटे दिनेश खुराना हैं। वे अपनी शादी की 25वीं सालगिरह मनाने के लिए जयपुर गए थे। कृषांग की मौत की खबर से मातम पसर गया। 1304 नंबर कोठी में वे संयुक्त परिवार में रहते हैं और सेक्टर 25 में उषा टेक्सटाइल के नाम से फैक्ट्री है।

चौराहे पर लगाए जाएं सीसीटीवी

सेक्टर-12 के लोगों की मांग की सेक्टरों के चौराहों और मोड़ पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए। पुलिस सेक्टरों में लोडिग के वाहनों पर रोक लगाए। स्वजनों का कहना है कि नाबालिगों को स्कूटर और बाइक देते हैं पुलिस चालान करती है। अब बच्चों को साइकिल देते हैं तो उन्हें वाहन कुचल देते हैं। साइकिल पर चलना भी खतरे से खाली नहीं रहा है।


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