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नए एएसआइ ने पाई चौकियों की चौधर

चार महीने पहले ही प्रभारी हवलदार से पदोन्नत हो एएसआइ बने हैं और प्रभारी भी मिल गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 08:12 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 08:12 AM (IST)
नए एएसआइ ने पाई चौकियों की चौधर
नए एएसआइ ने पाई चौकियों की चौधर

पुलिस महकमे में जिले की पांच चौकियों के प्रभारी चर्चा में हैं। चार महीने पहले ही प्रभारी हवलदार से पदोन्नत हो एएसआइ बने हैं और प्रभार भी मिल गया। उनके व्यवहार में भी गजब का बदलाव आया है। वे फरियादियों से तहजीब से पेश आते हैं। पहले वे कड़क स्वभाव के लिए जाने जाते थे। विभाग में एसआइ की कमी नहीं है। इसके बावजूद उन्हें चौकी की चौधर नहीं मिली है। वे पुलिस लाइन और थानों में समय काट रहे हैं। चर्चा है कि एसआइ होते हुए एएसआइ चौकियों की कुर्सी पर काबिज हो गए। उन्हीं के रैंक के पुलिसकर्मी अब शैल्यूट मारते हैं। ऐसी उनमें क्या काबिलियत है जो एसआइ में नहीं है। चौकियों से बदले गए कई एसआइ हैरत में हैं कि उनसे क्या खता हुई जो कुर्सी खिसक गई। एएसआइ ने अधिकारियों को क्या घुट्टी पिलाई जो उन्हीं का गुणगान करते हैं। पुलिस खा गई माफिया की 'मिठाई'

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सोनीपत की पुलिस ने शराब के ट्रक के साथ पकड़े गए चालक को साथ लेकर भैंसवाल के पास गोदाम पर छापा मारा। अवैध रूप से शराब का जखीरा मिला। मौके पर स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी भी दौड़े चले आए। इसी दौरान सोनीपत के एक व्यक्ति ने मीडियाकर्मियों को सूचना दी कि पुलिस खेलकर ममाले को निपटाने पर आमादा है। मीडियाकर्मियों को मौके पर देख पुलिसकर्मी ठिठक गए। मीडियाकर्मियों को सुझाव दिया कि अवैध शराब के मालिक के कार्यालय में 'मिठाई' बंट रही है। वे तो मिठाई खा गए। जाकर अपने हिस्से की मिठाई ले आएं और तस्वीर खींचने में कुछ नहीं रखा है। मीडियाकर्मियों ने सच्चाई उजागर करने की बात कही तो शराब माफिया तिलमिला गया। गुंडों से पुलिस के सामने मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई कराकर धमकी दी कि उन्हें खत्म करने के लिए एक करोड़ रुपये तक खर्च कर देंगे। पुलिसकर्मी तमाशबीन बने रहे। एसआइ की गुगली से आला अधिकारियों बेचैन

थाना शहर का नाम आते ही जहन में तस्वीर उभरती है कि माडर्न होगा। शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त होगी। ऐसा नहीं है। गृहमंत्री अनिल विज ने थाने का निरीक्षण किया तो हालात ठीक नहीं मिले। गैरहाजिर महिला एसआइ पर गाज गिर गई। एसआइ सस्पेंड हुई तो उन्होंने गृहमंत्री को पत्र भेज गुगली डाल दी कि थाने में महिला शौचालय नहीं है। इसी वजह से वे शौच के लिए अपने क्वार्टर में गई थी। एसआइ को बहाल कर थाना सदर में भेज दिया गया। इस पत्र से मकहमे में खलबली मच गई। महिला आयोग भी हरकत में आ गया। आला अधिकारियों ने महिला आयोग को रिपोर्ट भेजी कि थाने में महिला शौचालय है। एक नया शौचालय भी बनाया जा रहा है। भारी भरकम इंस्पेक्टर की छूटी कंपकंपी

सीएए के विरोध में भाजपा की राज्यस्तरीय समर्थन यात्रा में बाधा न आए और ट्रैफिक जाम न लगने देने की पुलिस के सामने चुनौती थी। कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल सहित भाजपा के दिग्गज नेता भी शामिल होने थे। व्यवस्था में थोड़ी सी चूक आला अधिकारियों की किरीकरी करा देती। व्यवस्था चौक चौबंद की गई। क्रिकेट के शौकीन भारी भरकम इंस्पेक्टर की तैनाती फ्लाईओवर पर कर दी। इंस्पेक्टर भी खुश थे कि वे ड्यूटी के साथ-साथ धूप का आनंद लेंगे। मौसम दगा दे गया और बादलों के साथ ठंड बढ़ गई। इंस्पेक्टर को ताकिद थी कि वे फ्लाईओवर पर गाड़ी नहीं खड़ी करेंगे। हादसा हो सकता है। ठंड से इंस्पेक्टर की कंपकंपी छूट गई और आठ किलोमीटर पैदल चलना पड़ गया। हालत खराब होने पर इंस्पेक्टर ने मातहत को कहा कि वे इतने तो कभी क्रिकेट के मैदान में नहीं दौड़े जितनी प्लाईओवर पर परेड़ हो गई। मौके पर गाड़ी ला गई और इंस्पेक्टर ने उसमें बैठ राहत की सांस ली।

विजय गाहल्याण


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