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यार्न की तेजी, गर्मी और रमजान के कारण कारीगरों की कमी कपड़ा उद्योग पर भारी

पानीपत में कॉटन यार्न के दामों में एक महीने के दौरान 10 से 15 प्रतिशत तक उछाल आ गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 10:04 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jun 2018 10:04 AM (IST)
यार्न की तेजी, गर्मी और रमजान के कारण कारीगरों की कमी कपड़ा उद्योग पर भारी
यार्न की तेजी, गर्मी और रमजान के कारण कारीगरों की कमी कपड़ा उद्योग पर भारी

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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कॉटन यार्न के दामों में एक महीने के दौरान 10 से 15 प्रतिशत तक की तेजी आ चुकी है। क्रुड ऑयल की तेजी के कारण ¨सथेटिक्स पोलिस्टर यार्न के भाव भी बढ़ गए हैं, लेकिन तैयार माल की डिमांड काफी कमजोर चल रही है।

गर्मी में लूम पर कारीगर बैठ नहीं पा रहे। रमजान के कारण भी कारीगर कम हैं। जिसका सीधा असर हैंडलूम उत्पादन पर पड़ रहा है। कंबल का इन दिनों आफ सीजन होता है। बेडसीट की मांग भी कमजोर चल रही है।

कॉटन यार्न में तेजी का कारण कच्चे माल रूई और कांबर में तेजी होना है। पानीपत में ओपन एंड की धागा मिलों में कच्चे माल के रूप में कांबर का इस्तेमाल होता है। कांबर और रुई (कॉटन) के दामों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। हैंडलूम निर्यातकों को ऑर्डर अच्छे मिलने के कारण भी कॉटन यार्न की मांग बढ़ गई है। जिस कारण मिलों ने दाम भी बढ़ा दिए हैं। यार्न कारोबारियों का कहना है कि बाजार अच्छा चलेगा। कपास के भाव 4500 रुपये और कांबर 85 रुपये प्रतिकिलो ग्राम रहे।

हैंडलूम व्यवसायी ओमप्रकाश नागपाल का कहना है कि बाजार में फिलहाल मंदी है। रमजान के बाद बाजार चलेगा। यार्न कारोबारी मुकेश बंसल का कहना है कि रमजान के बाद कारीगर आने शुरू हो जाएंगे। यार्न बाजार में मांग निकली है आने वाले दिनों में और अधिक मांग होने की संभावना बनी हुई है।


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