हाली की झील में वन विभाग का रोडा, पाइप लाइन दबाने का काम रुकवाया
नगर निगम को इसके लिए वन विभाग से लेनी पड़ेगी एनओसी मुख्यमंत्री की घोषित योजना पर नगर निगम और वन विभाग आमने-सामने निगम एनओसी के लिए आज एप्लाई करता है तो छह से सात महीने में मिल सकती है।
जगमहेंद्र सरोहा, पानीपत
मशहूर शायर अल्ताफ हुसैन हाली की झील के पानी में वन विभाग ने रोडा डाल दिया है। उनकी आपत्ति है कि नगर निगम ने पाइप लाइन दबाने के लिए एनओसी नहीं ली। वहीं निगम अधिकारियों का कहना है कि अनुमति लेकर ही काम शुरू किया गया था। इधर वन विभाग इस बात पर अड़ गया है कि एनओसी लेने पर ही काम शुरू करने देंगे। दो विभागों की खींचतान में पश्चिमी यमुना लिक नहर से झील के लिए साफ पानी लाने का काम लटक गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाली की झील को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। इसके लिए 23.40 करोड़ रुपये पास किए थे। नगर निगम ने जयश्री बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को यह काम दिया था। कंपनी ने जनवरी 2018 में पार्क और झील बनाने का काम शुरू कर दिया था।
इसी चाल में काम चला तो नहीं हो पाएगा पूरा
नगर निगम ने कंपनी को 31 अगस्त 2019 तक काम पूरा करने का समय दिया है। दैनिक जागरण ने शनिवार को इसकी पड़ताल की। वहां चल रहे निर्माण कार्य की गति को देखकर तो नहीं लगता कि काम निर्धारित समय पर पूरा होगा। जयश्री बालाजी कंस्ट्रक्शन के पार्टनर राजपाल कंधोला ने बताया कि वे पूरी गति के साथ काम कर रहे हैं। नगर निगम ने इसी महीने रेस्टोरेंट के लिए जमीन खाली कर दी है। झील में पानी के लिए पाइप लाइन दबाने का काम भी तीन महीने से बंद है। उन्होंने दिसंबर महीने में इसका काम शुरू कर दिया था।
कंपनी का यह है दावा
हाली की झील : कंपनी का दावा है कि हाली की झील का 75 फीसद निर्माण कर दिया है। अब पाइप लाइन दबाने का काम बाकी है।
ओपन एयर थियेटर : ओपन एयर थियेटर का काम 80 फीसद पूरा हो चुका है। बचा काम भी जल्द पूरा कर देंगे।
रेस्टोरेंट : रेस्टोरेंट बनाने का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। कंपनी का कहना है कि निगम ने अब तक पुराना भवन खाली कर नहीं दिया।
नौकरशाही के चलते से वर्षो से विवादों में रही झील
नौकरशाही के चलते हाली की झील वर्षो से विवादों में रही है। पिछले वर्ष एक अधिकारी ने एक कंपनी को बैंक्वेट हॉल और होटल बनाने के लिए झील का एक हिस्सा लीज पर दे दिया था। शहरवासी इसके विरोध में उतर आए। आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने इसकी आरटीआइ एक्ट के तहत सूचना मांगी। अधिकारियों ने विवाद बढ़ने पर कंपनी के साथ की सारी डील कैंसिल कर दी थी। अधिकारियों की मंशा नहीं लगती साफ : राय
हाली पानीपत ट्रस्ट के सचिव एडवोकेट राममोहन राय ने बताया कि हाली की झील को सरकार बना रही है और वह ही आपत्ति दर्ज कराने वाली है। यह सब विभागीय कार्रवाई है। अब देखना यह है कि अधिकारियों की मंशा क्या है? अगर उनकी मंशा काम धीमा करने या फिर अपनी कमियों को छिपाने की है तो यह चिताजनक है। क्या कहते हैं अधिकारी
वन विभाग ने पाइप लाइन दबाने का काम बंद करा दिया है। अब विभाग से पेड़ों की एनओसी ली जाएगी। वे जल्द ही इस काम को पूरा कर देंगे। वन विभाग की परमिशन के बाद ही पाइप लाइन दबाने का काम शुरू किया जा सकेगा।
रमेश कुमार, एसई, नगर निगम।