टैंकर विस्फोट में मरे बाप-बेटे का शव रिफाइनरी गेट पर रखकर परिजनों ने पांच घंटे किया प्रदर्शन
टैंकर में वेल्डिग करते समय हुए विस्फोट में बाप-बेटे की मौत के मामले में कुताना-ददलाना व अन्य गांवों के सैकड़ों लोगों ने शनिवार को दोपहर रिफाइनरी गेट पर शव रखकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रिफाइनरी के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने मामले की निष्पक्षता से जांच करने और परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता देने की मांग की।
संवाद सूत्र, रिफाइनरी : टैंकर में वेल्डिग करते समय हुए विस्फोट में बाप-बेटे की मौत के मामले में कुताना-ददलाना व अन्य गांवों के सैकड़ों लोगों ने शनिवार को दोपहर रिफाइनरी गेट पर शव रखकर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने रिफाइनरी के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने, मामले की निष्पक्षता से जांच करने और परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता देने की मांग की।
इधर, ग्रामीणों का उग्र रूप देखकर रिफाइनरी पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। देर शाम तक ग्रामीण अपनी मांगें पूरी कराने के लिए रिफानरी गेट पर डटे रहे। डीएसपी पानीपत बिजेंद्र सिंह और एसएचओ मतलौडा मोहनलाल मौके पर पहुंचे। उनके विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और ठेकेदारों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा आर्थिक सहायता की मांग पूरी करने का आश्वासन देने पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया।
बता दें कि शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे कुताना चौक पर सुरजीत इंजीनियरिग की दुकान पर दुकान मालिक सुरजीत और उसके पुत्र सोनू इंडियन ऑयल रिफाइनरी से आए एक टैंकर की वेल्डिग कर रहे थे। इस दौरान टैंकर फटने से दुकान मालिक सुरजीत और सोनू की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि रजापुर निवासी स्वर्ण सिंह और बालपबाना निवासी अजय घायल हो गए थे। दुकान की सभी मशीनें और बाहर खड़ी दो बाइकें भी आग की भेंट चढ़ गई।
तीन घंटे प्रदर्शन करने के बाद डीएसपी अधिकारियों से मिलवाने के लिए की मध्यस्ता
गुस्साए ग्रामीण दोपहर एक बजे रिफाइनरी गेट पर पहुंचे थे और तीन बजे तक उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ जमकर बवाल काटा। जब कोई बड़ा अधिकारी बाहर नहीं आया, तो डीएसपी बिजेंद्र सिंह ने मध्यस्ता करते हुए ग्रामीणों को रिफाइनरी अधिकारियों से अंदर जाकर मिलने की बात कही।
दो घंटे बातचीत के बावजूद नहीं निकला हल
ग्रामीणों ने सात सदस्सीय कमेटी बनाई। उनमें कुताना के सरपंच बलवान, पूर्व सरपंच जोगा सिंह, ददलाना पूर्व सरपंच नरेंद्र राणा, सिठाना के सरपंच सतपाल, यशपाल राणा और मृतकों का रिश्तेदार शामिल रहे। कमेटी ने रिफाइनरी अधिकारियों से मामले में लापरवाही बरत रहे रिफाइनरी के अधिकारी पीके सिन्हा, मनोज कुमार और नामदेव के खिलाफ कार्रवाई करते हुए परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही। करीब दो घंटे की बातचीत के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
अधिकारी बोले : हादसा रिफाइनरी के बाहर हुआ
कमेटी के सदस्य सरपंच बलवान ने बताया कि तीनों अधिकारियों की मिलीभगत से रिफाइनरी से इस प्रकार का विस्फोटक पदार्थ चोरी-छिपे बाहर भेजा जाता है। अगर टैंकर में यह विस्फोटक पदार्थ नहीं होता, तो शायद सुरजीत और सोनू की जान नहीं जाती। रिफाइनरी के अधिकारी गिगोई से दो घंटे तक बातचीत हुई। उसमें अधिकारी ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हादसा रिफाइनरी के बाहर का है।