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अंग्रेजी भाषा का ध्वनि विज्ञान और उसमें भारतीय वक्ताओं की समस्याओं पर विस्तार से की चर्चा

एसडी पीजी कॉलेज में एमए अंग्रेजी एवं ऑनर्स के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी भाषा का ध्वनि विज्ञान और उसमें भारतीय वक्ताओं की समस्याएं विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 05:29 AM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 05:29 AM (IST)
अंग्रेजी भाषा का ध्वनि विज्ञान और उसमें भारतीय वक्ताओं की समस्याओं पर विस्तार से की चर्चा
अंग्रेजी भाषा का ध्वनि विज्ञान और उसमें भारतीय वक्ताओं की समस्याओं पर विस्तार से की चर्चा

संवाददाता, पानीपत : एसडी पीजी कॉलेज में एमए अंग्रेजी एवं ऑनर्स के विद्यार्थियों के लिए अंग्रेजी भाषा का ध्वनि विज्ञान और उसमें भारतीय वक्ताओं की समस्याएं विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता प्रो. दीप्ति गुप्ता डीन इंटरनेशनल स्टडीज और चेयरपर्सन अंग्रेजी एवं कल्चरल स्टडीज विभाग पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने शिरकत की।

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उन्होंने कहा कि अंग्रेजी की दो शिक्षित स्थानीय बोली को दुनिया के अधिकांश हिस्सों में एक मानक के तौर पर स्वीकृत किया गया है। इनमे से पहली शिक्षित दक्षिणी ब्रिटिश पर आधारित है और दूसरी शिक्षित मध्यपश्चिमी अमेरिकन पर आधारित है। पहली श्रेणी को हम बीबीसी या रानी की अंग्रेजी भी कहते है। यह मॉडल यूरोप, अफ्रीका, भारतीय उपमहाद्वीप और अन्य क्षेत्रों में अन्य भाषाओं को बोलने वालों को अंग्रेजी सिखाने के लिए एक मानक के तौर पर काम करता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी इंटोनेशन वाली भाषा है। जिसका अर्थ इस भाषा में वाणी के उतार-चढ़ाव को परिस्थिति के अनुसार इस्तेमाल किया जाता है। प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि इस तरह के व्याख्यान से ज्ञान में वृद्धि होती है। इस मौके पर डॉ. एसके वर्मा, डॉ. रवि बाला, प्रो. रचना, प्रो. अर्पित गुगनानी, प्रो. नरेंद्र कौशिक, प्रो. पूनम कादियान, प्रो. स्वाति और दीपक मित्तल रहे।


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