सीधा चुनाव अच्छा कदम, पावर भी मिले मेयर को
जागरण संवाददाता, पानीपत : मेयर पद के लिए सीधा चुनाव कराने का सभी दलों ने स्वागत किया है। ल
जागरण संवाददाता, पानीपत : मेयर पद के लिए सीधा चुनाव कराने का सभी दलों ने स्वागत किया है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए मेयर को शक्तियां देने की मांग भी उठा दी है। दूसरे प्रदेशों में मेयर को शक्तियां मिलने से जनता का उस पर विश्वास बनता है। विकास को लेकर समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता है। समान नागरिक संहिता के संयोजक नेमचंद जैन का कहना है कि हरियाणा मंत्रीमंडल ने नगर निगम अधिनियम 1994 में संशोधन करने के बाद महापौर का दंतविहीन रहना लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। अधिनियम में संशोधन को लेकर मनोहर सरकार ने जनता की आंखों में धूल झोंकने का कार्य किया है। मेयर पद के लिए सीधे चुनाव से पार्षदों की खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध तो लग सकता है लेकिन उसे जब तक कोई शक्ति प्रदान नहीं की जाती लोकतंत्र को ¨जदा रखने का प्रयास दिखावा है। हरियाणा को छोड़ कर अन्य सभी प्रदेशों में सारी शक्तियां मेयर के पास है। मेयर की शक्तियां ही शहरवासियों की समस्या का समाधान करा सकती है।
पति पत्नी के समीकरण भी बदले
मेयर का सीधा चुनाव होने से उन निवर्तमान पार्षदों को भी धक्का लगेगा जो अपनी पत्नी को भी मैदान में उतारने की तैयारी में थे।
कई वार्डों के पार्षद एक वार्ड में स्वयं तो दूसरे में पत्नी को मैदान में उतारने की तैयारी में लगे थे। सीधे मेयर का चुनाव होने के कारण अब पार्षदों की खरीद फरोख्त बंद होगी। यदि सीधा चुनाव नहीं होता तो दोनों पति पत्नी बनने वाले पार्षदों के डबल पैसे मिलते। पत्नी चुनाव लड़े तो आगे भी वही रहे : भल्ला
समाजसेवी सुमन भल्ला ने सीधे चुनाव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पत्नी चुनाव लड़े तो पति को उसे स्वतंत्र काम करने देना चाहिए। नगर निगम में पत्नी पार्षद तो बनती रही है, लेकिन पार्षद की भूमिका में पति ही रहे हैं। जो स्वस्थ लोकतंत्र नहीं है। नगर निगम की मी¨टग में भी बहस में पार्षद पत्नी के पति ही भाग लेते रहे हैं।