Loksabha Election : करनाल सीट पर जेटली के बाद अब मेनका गांधी की चर्चा
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बाद अब मेनका गांधी का नाम भी करनाल लोकसभा सीट भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने को लेकर सामने आ रहा है। स्थानीय नेताओं के चेहरे पर उदासी।
पानीपत, जेएनएन। जीटी रोड पर बसा है करनाल। इन दिनों इस शहर की बेहद चर्चा है। वजह बनी है राजनीति। दरअसल, कुछ दिन पहले तक बात हो रही थी कि केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अब मेनका गांधी का नाम भी इस सूची में जुड़ गया है। इन परिस्थितियों में स्थानीय नेताओं के लिए टिकट के मजबूत दावेदारी पेश करना खासा मुश्किल होता चला जाएगा।
हालांकि लोकल नेता दोनों शीर्ष नेताओं के करनाल से चुनाव लड़ने की बात को महज एक कयास ही मान रहे हैं। उनका मानना है कि बरसों बाद भाजपा स्थानीय स्तर पर नेतृत्व का विकास करने के लिए लोकल वर्कर को ही चुनाव में उतारेगी। करनाल लोकसभा सीट दो जिलों, करनाल और पानीपत को मिलाकर बनी है। पानीपत के नेता भी टिकट की चाह में लाइन में लगे हैं।
बाहरी नेताओं का यहां रहा वर्चस्व
करनाल लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो यह स्पष्ट होता है कि यहां से बाहरी नेता चुनाव जीतते रहे हैं। बाहरी नेताओं की जीत के क्रम के बीच स्थानीय नेताओं को चुनाव लड़ने के अवसर भी न के बराबर मिले। यहां के मतदाताओं ने स्थानीय नेता के सामने बाहरी नेता को तवज्जो दी। लिहाजा पिछले दो दशक कई स्थानीय नेता चुनाव लड़ने की तैयारी तो लगातार करते रहे लेकिन पार्टी ने ऐन-वक्त पर बाहरी प्रत्याशी को टिकट थमा दिया। इसके चलते स्थानीय स्तर पर नेतृत्व में उभार नहीं आ सका। स्थानीय नेतृत्व के विकसित नहीं होने की वजह से ही पार्टी बाहरी नेताओं पर दांव लगाती आई है।
स्थानीय नेताओं ने मांगा अवसर
स्थानीय नेताओं का कहना है कि जब तक लोकल नेताओं को चुनाव लड़ने का अवसर नहीं दिया जाएगा, तब तक वह कैसे बताएंगे कि वह धरातल पर मजबूत पकड़ रखते हैं। इसके लिए संगठन को उन पर भरोसा जताना होगा। यदि स्थानीय नेतृत्व विकसित होगा तो संगठन को भी मजबूती मिलेगी।
इसलिए बाहरी को लाते हैं
अरुण जेटल के बाद मेनका गांधी का नाम सामने आने से स्थानीय नेता ¨चतित नजर आ रहे हैं। क्योंकि लोकल लेवल पर टिकट के दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थानीय स्तर पर नेता भी टिकट को लेकर एक दूसरे की काट कर रहे हैं। ऐसे में यह भी सवाल है कि संगठन स्थानीय स्तर पर किसी एक नेता को टिकट देकर दूसरों को नाराज भी नहीं करना चाहेगा। ऐसे में विकल्प के तौर पर बाहरी नेता को टिकट दिया जा सकता है।
स्थानीय स्तर पर ये नेता लगा रहे हैं जोर
पार्टी के स्थानीय नेता टिकट को लेकर जोर अजमाइश में लग गए हैं। शीर्ष नेताओं के दरबार में हाजिरी भरनी शुरू कर दी गई है। पार्टी के लोकल दावेदारों में शुगर फेड के चेयरमैन चंद्रप्रकाश कथूरिया, भाजपा के प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल जिलाध्यक्ष जगमोहन आनंद व पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक सुखीजा शामिल हैं। इसके अलावा चुनावी मौसम में पुंडरी के विधायक दिनेश कौशिक ने भी अपनी ताल ठोकी है। इसके अलावा भाजपा नेता प्रदीप पाटिल व भारत भूषण कपूर भी दावेदारों में खुद को बता रहे हैं।