जहरीली हो रही इस शहर की आबोहवा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी नहीं मान रहे उद्योग Panipat News
उद्योगों में रात को प्लास्टिक कचरा जलाया जा रहा है। इससे हवा जहरीली हो रही। पानीपत में रात को प्रदूषण स्तर 347 पहुंचा।
पानीपत, जेएनएन। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती के चलते अब रात में उद्योगों में कूड़ा कचरा, चप्पल जूते जलाए जा रहे हैं। जिससे रात को शहर की हवा दिन की अपेक्षा अधिक जहरीली हो गई है। पीएम 2.5 का स्तर सोमवार रात को 347 पर पहुंच गया। जो बहुत खराब स्थिति में गिना जाता है। जहरीली हवा बीमारियां फैल रही है। वायु प्रदूषण से बढ़ते स्तर को देखते हुए सीपीसीबी ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि
सर्दी के सीजन में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए ध्यान दें। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें। कार्रवाई, जुर्माना लगाने की रिपोर्ट हर सप्ताह सीपीसीबी में दी जाए। सोशल मीडिया पर प्रदूषण संबंधी जो भी रिपोर्ट दर्ज होती है उस पर भी 24 घंटे में एक्शन लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशों को भी सख्ती से लागू किया जाए।
पानीपत में वाहनों व उद्योगों में कूड़ा जलने से हुई हवा जहरीली
दिन की अपेक्षा रात को पानीपत की हवा गुडग़ांव के बराबर जहरीली हो रही है। रात को टोल पर जाम लगने व उद्योगों में अवैध ईंधन के जलने से हवा जहरीली हो रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत व कोहंड में वायु प्रदूषण फैलाने में टोल की भूमिका अधिक हो गई है। बोर्ड के साइंटिस्टों ने टोल प्लाजा हटाने का सुझाव दिया है। पानीपत एनसीआर एरिया में शामिल है।
- पानीपत वायु प्रदूषण की स्थिति
- पीएम 2.5 347 वेरी पूअर
- पीएम 10 448
- एनओ2 40
- एनएच3 19
ये है पीएम 2.5
पीएम को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है। जोकि वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। हवा में मौजूद कण इतने महीन होते हैं कि आप नग्न आंखों से इन्हें देख नहीं सकते। पीएम 2.5 सामान्य 100 तक होना चाहिए। 301 से 400 तक बहुत खराब स्थिति होती है। 400 से अधिक नुकसान दायक होता है।
- वायु प्रदूषण से ये बीमारी हो सकती हैं
- - सांस लेने में दिक्कत
- -आंख, नाक, गले में जलन।
- -फेफड़े खराब होना।
- -सांस रोग।
- -दिल की बीमारी।
आठ उद्योग बंद, 17 को क्लोजर फिर भी हालत नहीं सुधरी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 37 उद्योगों की जांच कर चुका है। जिनमें से आठ उद्योगों का बंद किया जा चुका है। इन उद्योगों को जुते चप्पल कूड़ा कर्कट जलाए जा रहे थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती भी काम नहीं आ रही है। दिन में उद्योगं में कूड़ा कर्कट नहीं जलता। सुबह और रात को जलाया जा रहा है। बोर्ड 17 उद्योगों को क्लोजर नोटिस भी जारी कर चुका है।
टोल को हटाने से हो सकती समस्या हल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साइंटिस्ट राजेश गढिय़ा का कहना है कि टोल प्लाजा हटाने पर वायु प्रदूषण में कमी आ सकती है। पिछले दिनों ईपीसीए के चेयरमैन भूरे लाल भी टोल पर फास्टटैग लगाने के आदेश भी दे चुके हैं। ईपीसीए ने 30 दिन पहले गोपनीय सर्वे करवाया था। जिसमें सुबह 3 से छह बजे तक चिमनियों में काला धुंआ निकलता मिला था।
प्रदूषण रोकने के लिए लें संकल्प
डीसी सुमेधा कटारिया दीपावली पर्व को धुंआ, धमाका प्रदूषण रहित मनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रदूषण रहित दीपावली मनाने का संकल्प लें।
प्रदूषण फैलाने वाले से सख्ती से निपटेंगे
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आरओ संजीव बुद्धिराजा ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। सर्दी के सीजन को देखते हुए जो निर्देश सीपीसीबी ने दिए हैं उनके मुताबिक कार्रवाई होगी।