विदेश में पैसे कमाने का सपना दिखा ठगा, भारतीय दूतावास पहुंच वतन लौटा
साइप्रस का वीजा दिला पानीपत के युवक से चार लाख की ठगी की गई। आरोपित ने पीडि़त को फ्लैट से बाहर निकाल दिया। भारतीय दूतावास की मदद से वह स्वदेश लौट सका।
पानीपत, जेएनएन। कैंसर पीडि़त पिता का इलाज कराने के लिए पलवल के एक युवक ने विदेश में नौकरी करने की ठानी। कर्ज लेकर साइप्रस का स्टूडेंट वीजा लगवाया। आरोप है कि साइप्रस में एजेंट ने उससे लगभग चार लाख की ठगी कर ली। भारतीय दूतावास की मदद से पीडि़त ने स्वदेश लौट सीएम विंडो पर धोखाधड़ी की शिकायत दी। अब पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पलवल के सिहौल गांव संदीप गहलौत ने बताया कि उसके पिता कैंसर पीडि़त हैं। इलाज में सब-कुछ बिक चुका है। गोहाना निवासी उसके मौसेरे भाई अमित ने एजेंट सोमवीर से उसकी जान पहचान कराई। सोमवीर ने उसे भी साइप्रस आकर डेढ़ लाख रुपये प्रतिमाह की नौकरी का ऑफर किया। वह सोमवीर के झांसे में आ गया। स्टूडेंट वीजा लगवाकर साइप्रस जा निकोसिका शहर में केइएस कॉलेज में होटल मैनेजमेंट कोर्स कराने और काम दिलाने की बात पर सौदा तय हुआ।
कॉलेज फीस के नाम पर भी की ठगी
कॉलेज ऑफर लेटर दिलाने और वीजा लगवाने की एवज में 7 अक्टूबर 2018 को एजेंट सोमवीर ने उससे तीन लाख रुपये ऐंठ लिये। स्टूडेंट वीजा लगते ही कॉलेज फीस के नाम पर तीन हजार यूरो कॉलेज के खाते में ट्रांसफर करवा दिए। एजेंट ने 1300 यूरो उससे खाने-पीने और रहने की व्यवस्था के नाम पर भी लिये। आरोपित एजेंट उसके ऊपर कॉलेज में टूरिजम ट्रेवल कोर्स करने का दबाव बनाने लगा। विरोध करने पर 25 अक्टूबर 2018 को उसे जान से मारने की धमकी दे फ्लैट से निकाल दिया।
भारतीय दूतावास के कर्मचारी के घर में गुजारी दो रात
पीडि़त ने बताया कि आरोपित एजेंट के फ्लैट से निकालने के बाद वह किसी तरह इंडियन एंबेसी पहुंचा। अधिकारियों को आपबीती बताई। जिसके बाद एबेंसी के कर्मचारी अमित ने उसका साथ दिया। दो रात उसके घर में बिताने के बाद उसका टिकट कंफर्म हुआ। जिसके बाद वह कहीं स्वदेश लौटा। वहीं मॉडल टाउन थाना प्रभारी योगेश कुमार का कहना है कि शिकायत के आधार पर आरोपित एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही आरोपित के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।