घर से 10वीं की छात्रा का अपहरण, चंडीगढ़ ले जाकर किया दुष्कर्म
10वीं की छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को 15 साल की सजा हुई। कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में 80 हजार जुर्माना लगाया। मामला मतलौडा थानान्तर्गत गांव से जुड़ा है।
पानीपत, जेएनएन। मतलौडा थाने के एक गांव निवासी कक्षा 10वीं की छात्रा को घर से अगवा कर, उसके साथ दुष्कर्म के दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिबाला चौहान ने 15 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर विभिन्न धाराओं में 80 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी नाबालिग है, फिलहाल सोनीपत स्थित स्पेशल होम भेजा गया है।
7 मई 2016 को मतलौडा थाना अधीन उरलाना पुलिस चौकी में शिकायत दी गई थी। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि 6 मई की रात उनकी छोटी बेटी चारपाई पर बड़ी बहन के साथ सो रही थी। सुबह नींद टूटी तो बेटी गायब थी। पता चला कि पानीपत निवासी नवयुवक गांव में अपनी नानी के घर में रह रहा था, वह भी गायब है।
जान से मारने की दी धमकी
पुलिस ने 9 मई 2016 को छात्रा को बरामद कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। छात्रा ने 164 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में दिए बयान में बताया कि रात में दरवाजा खुला हुआ था। आरोपित दबे पांव घर में घुसा और उसे जगाया। चीखने का प्रयास किया तो उसने जान से मारने की धमकी दी और बाहर की ओर लेकर चल दिया। पहले वह अपने घर ले गया और गलत काम किया।
इसके बाद पानीपत लेकर गया। वहां से अमृतसर, चंडीगढ़ और मनसा देवी लेकर गया। जब भी विरोध करती, जान से मारने की धमकी देता था। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइपीसी की धारा 363, 366, 506 और 6 पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया था। बृहस्पतिवार को कोर्ट ने उसे दोषी मानकर सजा और जुर्माना सुना दिया।