शिक्षक ने घर घर जाकर मुहैया कराई पुरानी किताबें, बच्चों ने कहा- थैंक्यू सर
कोरोना महामारी के बीच बिन किताब बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं। लेकिन वीरवार को वार्ड दस स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला रानी महल में तैनात जेबीटी शिक्षक बोधराज दूसरी तीसरी और चौथी कक्षा के बच्चों के घर किताबें लेकर पहुंचे तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना महामारी के बीच बिन किताब बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं। लेकिन वीरवार को वार्ड दस स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला रानी महल में तैनात जेबीटी शिक्षक बोधराज दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा के बच्चों के घर किताबें लेकर पहुंचे तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। किताबें लेते हुए बच्चों ने कहा थैंक्यू सर। वहीं अभिभावकों ने भी उनका आभार जताया।
गौरतलब है कि राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को शिक्षा विभाग की ओर से फ्री में किताबें मुहैया कराई जाती हैं। हर शैक्षणिक सत्र की तरह इस बार भी उक्त कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए किताबें प्रकाशित करा दी गई हैं। लेकिन कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन के बीच बच्चों के बीच किताबों का वितरण नहीं किया जा रहा है। ऐसे में पिछले साल की तरह स्कूल शिक्षा निदेशालय ने पुरानी किताबों का पारस्परिक आदान प्रदान करा बच्चों को किताबें मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। निदेशालय के निर्देशानुसार शिक्षकों ने उक्त अभियान पर काम भी शुरू कर दिया, लेकिन कोरोना का डर दिक्कत पैदा कर रहा है। तीन दिन पहले मंगवा ली थी
जेबीटी शिक्षक बोधराज ने बताया कि पुरानी किताबों के पारस्परिक आदान प्रदान को लेकर अभिभावकों को फोन कर उन्होंने दूसरी, तीसरी व चौथी कक्षा पास कर चुके बच्चों से उनकी पुरानी किताबें मंगवा ली थी। किताबों को तीन दिन तक स्कूल में ही रखा गया। वीरवार को उक्त तीनों कक्षा में हुए 19 बच्चों को पुरानी किताबें वितरित की, ताकि वो पढ़ सके। उन्होंने कहा कि किताबें पुरानी हो जाती हैं, लेकिन कभी वेस्ट नहीं होती है। उनसे हमेशा ज्ञान मिलता है। उन्होंने बच्चों को संभालकर रखने का आह्वान किया। ताकि आगे भी किसी के काम आ सके। बांटे मास्क और सैनिटाइजर
शिक्षक बोधराज ने बच्चों को घर घर जाकर पुरानी किताबें वितरित करने के साथ मास्क व सैनिटाइजर भी वितरित किए। साथ ही बच्चों व उनके अभिभावकों को कोविड-19 के नियमों का पालन करने का भी आह्वान किया।