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School में बैड टच की दी जा रही थी जानकारी, तभी छात्राओं ने किया शिक्षक का पर्दाफाश

पानीपत एक निजी स्‍कूल में छात्राओं से बैड टच का मामला सामने आया है। शिक्षक उन्‍हें बैड टच करता और दोस्‍ती का दबाव बनाता। छात्राओं ने इसकी शिकायत बाल कल्‍याण समिति से की।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 01:01 PM (IST)Updated: Wed, 07 Aug 2019 12:12 PM (IST)
School में बैड टच की दी जा रही थी जानकारी, तभी छात्राओं ने किया शिक्षक का पर्दाफाश
School में बैड टच की दी जा रही थी जानकारी, तभी छात्राओं ने किया शिक्षक का पर्दाफाश

पानीपत, जेएनएन। पानीपत में गुरु और शिष्‍य के रिश्‍तों को कलंकित करने का मामला सामने आया है। पीटीआइ कई दिनों से छात्राओं को किसी न किसी बहाने से बुलाता था और बैड टच करता था।

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छात्राओं का आरोप है कि शिक्षक उन पर दोस्‍ती करने का दबाव बनाता था। ये सिलसिला काफी दिनों से चल रहा था। इसी बीच स्‍कूल में गुड टच और बैड टच की जानकारी दी जा रही थी। तभी छात्राओं ने शिक्षक का पर्दाफाश कर दिया। 

पानीपत के कस्‍बे समालखा में एक निजी स्‍कूल में छात्राओं से बैड टच का मामला समाने आया है। स्‍कूल में बाल कल्‍याण समिति की चेयरपर्सन पदमा रानी और जिला महिला संरक्षण बाल वि‍वाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्‍ता छात्राओं को गुड टच और बैड टच के अलावा कानूनी जानकारी देने के लिए पहुंची थीं। वे छात्राओं को इसके बारे में जागरूक कर रही थीं कि तभी एक-एक करके छात्राएं खड़ी होने लगीं। 

चौकाने वाला पर्दाफाश
कक्षा नौ से बारहवीं तक की करीब 60 छात्राओं ने पीटीआइ शिक्षक के खिलाफ शिकायत की। उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें शिक्षक गलत नजर से देखता है। बैड टच करता है। इसके बाद बाल कल्‍याण समिति की चेयरपर्सन पदमा रानी और जिला महिला संरक्षण बाल वि‍वाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्‍ता ने स्‍कूल प्रबंधन से कार्रवाई के नाम पर उसे हटाने का आदेश दिया। इसके बाद उसे हटा दिया गया। वहीं शिकायत के बावजूद शिक्षक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई न होना समिति पर सवाल खड़ा कर रहा है। 

  • कौन देगा जवाब
  • स्कूल प्रबंधन ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला क्यों नहीं दर्ज कराया?
  • बेटी बचाने का दावा करने वाली संस्थाएं क्यों चुप्पी साध गईं?
  • 60 बेटियों की सुरक्षा के सवाल पर अभिभावक क्यों चुप रह गए?

बाल हित पहले है। टीचर को हटाया जाना बहुत जरूरी था। दो दिन और देखते हैं, इसके बाद स्कूल प्रबंधन को आरोपित पीटीआइ के खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश दिए जाएंगे।
पदमा रानी, चेयरपर्सन, बाल कल्याण समिति।

2 अगस्त को पीटीआइ को हटा दिया है। मेरे सामने छात्रओं ने यही मांग की थी। अन्य गंभीर आरोप नहीं लगाए।
प्रमोद राठी, स्कूल प्रिंसिपल।

पीटीआइ हरेंद्र नौ साल से स्कूल में नौकरी कर रहा था। इस दौरान कोई शिकायत नहीं मिली। एकाएक पूरी क्लास शिकायत करने लगी तो शिक्षक को हटा दिया गया।
विजय लक्ष्मी राठी, स्कूल निदेशिका।

नगरपालिका की चेयरपर्सन के संज्ञान में यह मामला नहीं है। बीईओ से बात कर जांच कराएंगे। छात्रओं की शिकायत सही हुई तो उचित कार्रवाई के निर्देश भी देंगे।
सचिन मित्तल, नपा चेयरपर्सन के पति।

लिखित और मौखिक कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी।
राजपाल, थाना प्रभारी, समालखा

पुलिसकर्मी, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, अस्पताल या घर का सदस्य आरोपित है तो उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा-9 के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। धारा-10 के तहत उसे न्यूनतम पांच और अधिकतम सात साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
अजित दहिया, एडवोकेट।

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