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बच्चे को खिलौना न दें पर संस्कार देना सबसे जरूरी

ओमशांति भवन की संचालिका बीके सुनीता ने कहा कि अपने बच्चे को भले ही अच्छे खिलौने न दो, वो थोड़ी देर रोकर चुप हो जाएगा, लेकिन अगर बचपन में उसे अच्छे संस्कार नहीं दिए तो वो सारी उम्र रोएगा।

By Edited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 07:26 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 07:26 AM (IST)
बच्चे को खिलौना न दें पर संस्कार देना सबसे जरूरी
बच्चे को खिलौना न दें पर संस्कार देना सबसे जरूरी
जागरण संवाददाता, पानीपत : ओमशांति भवन की संचालिका बीके सुनीता ने कहा कि अपने बच्चे को भले ही अच्छे खिलौने न दो, वो थोड़ी देर रोकर चुप हो जाएगा, लेकिन अगर बचपन में उसे अच्छे संस्कार नहीं दिए तो वो सारी उम्र रोएगा। बीके सुनीता सेक्टर 12 स्थित ब्रह्मकुमारी सेवा केंद्र पर 'युवाओं व उनके अभिभावकों के लिए युवाओं की जिम्मेदारी' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि युवाओं को मोबाइल के साथ ज्यादा समय व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। केवल काम आने वाली साइट ही खोलें। युवा भले ही जमाने के साथ चले, लेकिन अपनी मर्यादा के अंदर रहना चाहिए। खान पान शुद्ध शाकाहारी हो विचार भी सकारात्मक हो। अभिभावक बच्चों को इंजीनियर या डॉक्टर बनाने के साथ-साथ अच्छा इंसान बनाएं। अभिभावक यदि बच्चों को समय देंगे तो भविष्य में बच्चे भी उन्हें समय जरूर देंगे। बच्चों की मन की भावनाओं को समझना चाहिए उनकी बातों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। आजकल बच्चे दिए गए ज्ञान से नहीं सीखते कार्यक्रम में बीके शिवानी बहन ने स्वामी विवेकानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने युवावस्था में ही आध्यात्मिकता के जगत में उच्च स्थान को प्राप्त किया। ऐसी महान हस्तियों के जीवन से हमे प्रेरणा लेनी चाहिए। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने मंच संचालन किया।

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