ड्रा में कार के झांसे में फंसी पुलिसकर्मियों की पत्नियां, कंपनी निदेशक सहित तीन पर केस
जन चेतना मार्केटिंग नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ड्रा में कार देने का झांसा देकर पुलिसकर्मियों की पत्नियों को ठग दिया।
जेएनएन, पानीपत। ठगी या कोई अपराध होने पर लोग जिन पुलिसकर्मियों के पास शिकायत लेकर पहुंचते हैं, उन्हीं की पत्नियों से 14 लाख से ज्यादा की ठगी हो गई। जन चेतना मार्केटिंग नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने ड्रा में एक से पांच लाख रुपये, कार व बाइक निकालने का झांसा देकर न्यू पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों की पत्नियों सहित कुल 258 लोगों से उक्त ठगी की है। पुलिस ने कंपनी निदेशक सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
न्यू पुलिस लाइन में रहने वाले सुभाष नरवाल की पत्नी सुमन ने अपनी शिकायत में बताया कि मिड वे होटल के पास जनचेतना मार्केटिंग नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कार्यालय है। कंपनी के निदेशक सुशील त्यागी ने उसे वर्ष 2015 में बताया कि कंपनी की आरडी की 21 महीने की स्कीम है। इसके लिए सदस्य बनाने होंगे। हर महीने प्रत्येक सदस्य से 500 से 1500 रुपये लेने होंगे। हर महीने लक्की ड्रा निकाला जाएगा, जिसमें एक से पांच लाख रुपये तक का इनाम निकलेगा।
कंपनी की ओर से कहा गया कि अगर वह 1200 सदस्य बना लेगी तो उसे 25 हजार रुपये महीना वेतन और आजीवन कमीशन दिया जाएगा। सुमन ने बताया कि इस पर उसने 238 फार्म 500 रुपये प्रतिमाह और 1500 रुपये के हिसाब से 18 फार्म भरवाए। इसमें 40 हजार रुपये की आरडी भी लगा रखी थी।
उसने भान्जी जोनी के जरिये भी करीब 208 लोगों की किस्त कंपनी में जमा करवा रखी है। अप्रैल 2017 में 21 महीने की स्कीम पूरी हो गई। इसके बाद हर सदस्य को 11 हजार रुपये मिलने थे। मगर न तो सदस्यों को रुपये मिले और न ही ड्रा निकाला गया। इस तरह उसके साथ 14 लाख रुपये की ठगी की गई।
इस ठगी में कंपनी निदेशक सुशील के साथ मोहित व अकाउंटेंट सीमा बंसल भी शामिल हैं। सुमन ने 18 अगस्त 2017 को एसपी को शिकायत दी थी। थाना शहर के कार्यकारी प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि सुशील त्यागी, मोहित और सीमा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है।
पतियों को बिना बताए भरे थे फार्म
सुमन का कहना है कि पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों की पत्नियां व उनके रिश्तेदार भी ठगी के शिकार हुए हैं। इनमें अधिकतर के फार्म उसी ने भर रखे हैं। ठगी जा चुकी महिला सुनीता, सुदेश, कविता, अनीता, निशा व सुमन ने बताया कि उन्होंने अपने पति के बिना बताए फार्म भरे थे। अब उनके रुपये डूब चुके हैं।
बहन कहकर विश्वास जीता, फिर कर ली धोखाधड़ी
सुमन ने बताया कि कंपनी का निदेशक सुशील त्यागी सोनीपत के खेड़ी तगा का रहने वाला है, जबकि वह सनपेड़ा गांव की रहने वाली है। इसी वजह से सुशील उसे बहन कहता था। उसके कहने पर उसने 200 सदस्य बनाए तो उसे 10 हजार का वेतन भी मिला। इसके बाद उसने करीब 1200 सदस्य जोड़े। कंपनी ने उसे आल्टो कार भी दी थी। मगर पांच लाख कमीशन नहीं दिया।
लेनदार घर लगाते हैं चक्कर, जीना मुहाल हुआ
सुमन का कहना है कि उसने कंपनी से जुडऩे की जानकारी अपने पति सुभाष को नहीं दी थी। जब लेनदार महिलाएं उसके घर पहुंची तो तभी पति को पता चला। आरोप है कि सुशील त्यागी जान से मारने की धमकी देता है। उसे न्याय नहीं मिला तो वह एसपी कार्यालय के बाहर धरना देगी।
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