स्वच्छता रैंकिंग के अंकों में बदलाव, इस तरह से आपका शहर आ सकता है अव्वल
स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में अब बदलाव किया गया है। अब अंक नए प्रारूप में मिलेंगे। डुप्लीकेसी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसमें नागरिकों को लेकर भी बड़े बदलाव किया गया।
पानीपत, [अरविन्द झा]। स्वच्छ सर्वेक्षण अब नए प्रारूप, नए नंबरों के आधार पर होगा। पूरा वेटेज यानी समग्रभार बदल दिया गया है। हालांकि अंक संख्या छह हजार ही रहेगी। पहले की ही तरह। पर इस सर्वेक्षण में प्रत्यक्ष अवलोकन की भूमिका समाप्त कर इसे नागरिकों से लिए जाने वाले फीडबैक में मर्ज किया गया है। डुप्लीकेसी रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच प्राप्त अंकों के आधार पर देशभर के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग तय की जाएगी। नगर निगम और नगरपालिकाओं ने इस नए वेटेज के आधार पर रैंकिंग पॉजिशन में सुधार करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। रैंकिंग तय करने के लिए वर्ष 2016 में स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरुआत की गई थी।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से छठी बार स्वच्छ सर्वेक्षण कराने के लिए मंत्रालय से सभी शहरी स्थानीय निकाय विभाग को नियमावली जारी कर दी गई। पहले छह हजार अंकों को सिटीजन फीडबैक, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन, सर्विस लेवल प्रोग्रेस व सर्टिफिकेशन में समान रूप से 1500-1500 अंकों में बांटा गया था। इस बार डायरेक्ट आब्जर्वेशन को सिटीजन वॉयस और सर्विस लेवल प्रोग्रेस में मर्ज कर दिया गया है। सिटीजन वॉयस के 1800 अंक, सर्टिफिकेशन के 1800 और सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 2400 अंक होंगे।
सर्विस डिलीवरी पर फोकस
स्वच्छ सर्वेक्षण लीग में भी बदलाव किया गया है। प्रत्येक तिमाही में सर्वेक्षण 2000 अंक का होगा। पहले ये छह कैटेगरी में बंटा था। अब इसे तीन कैटेगरी में बांटा गया है। नियमित स्वच्छता में 500 की बजाए अब 600 अंक निर्धारित किए हैं। प्रोसेसिंग व डिस्पोजल में 100 अंकों की वृद्धि की है, अब ये 800 अंकों का कर दिया गया है। सेग्रिगेटेड कलेक्शन 600 अंकों का होगा। सर्विस डिलिवरी पर इसे विशेष फोकस किया गया है। खास बात यह है कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रथम तिमाही में इस कैटेगरी में कोई एक्टिविटी नहीं हुई है। रैंकिंग परिणाम की घोषणा के समय द्वितीय व तृतीय तिमाही के प्रदर्शन के अनुसार औसत अंक देकर इसका निर्णय किया जाएगा। लीग के तहत एमआइएस पोर्टल पर प्रत्येक महीने का डाटा अपडेट होता है।
एसएलए में तृतीय तिमाही में 1200 अंक
2400 अंकों के सर्विस लेवल असेस्टमेंट (एसएलए) में प्रथम तिमाही में 500 अंक, द्वितीय तिमाही में 700 अंक और तृतीय तिमाही के लिए 1200 अंक निर्धारित किए गए हैं। शहरी निकाय विभाग की तरफ से जुलाई से सितंबर तक द्वितीय तिमाही की असेस्टमेंट की प्रक्रिया चल रही है।
सर्टिफिकेशन में अंकों का बंटवारा
स्वच्छता मिशन सिटी टीम पानीपत के लीडर विजय सैनी ने बताया कि रैंकिंग का निर्धारण करने के लिए 1800 अंकों का सर्टिफिकेशन विशेष मायने रखता है। ओडीएफ के लिए अधिकतम 700 और गारबेज फ्री सिटी (जीएफसी) के लिए इस बार 1100 अंक निर्धारित किए गए हैं। ओडीएफ कैटेगरी में वाटर प्लस आने पर ही अधिकतम 700 अंक दिए जाएंगे। ओडीएफ डबल प्लस पर 500 और केवल प्लस पर 300 अंक हैं। जीएफसी कैटेगरी में सेवन स्टार सिटी को अधिकतम 1100 अंक मिलेंगे। फाइव स्टार को 700, थ्री को 500 और सिंगल स्टार को 300 अंक दिए जाएंगे। मालूम हो कि हरियाणा में करनाल और रोहतक दो ही ऐसे शहर हैं, जो स्टार कैटेगरी में शामिल हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण के अंकों में कुछ बदलाव किया गया है। डुप्लीकेसी पर रोक लगेगा। जो काम करके दिखाएंगे उनकी रैंकिंग अच्छी आएगी।
सुशील कुमार, निगम आयुक्त, पानीपत।