Sushma Swaraj death anniversary: सुषमा स्वराज का हरियाणा से था विशेष लगाव, जानिए उनके राजनीतिक सफर के बारे में
भारतीय जनता पार्टी की तेजर्रार नेता और पूर्व मंंत्री सुषमा स्वराज की आज पुण्य तिथि है। सुषमा स्वराज का हरियाणा से काफी लगाव था। उनका राजनीति सफर अंबाला से शुरू हुआ था। दो बार अंबाला छावनी सीट से विधायक भी रहीं।
अंबाला, जेएनएन। भाजपा की वरिष्ठ और तेजर्रार नेता सुषमा स्वराज की आज पुण्य तिथि है। पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज का साल 2019 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। सुषमा स्वराज का हरियाणा से खास लगाव था। उनका जन्म हरियाण के अंबाला कैंट में हुआ था।
सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं जो अपने प्रदेश से बाहर दूसरे प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। अंबाला की एक दूसरी बेटी सुचित्रा कृपलानी जो अंबाला से बाहर निकलकर पहली मुख्यमंत्री बनीं थीं।
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में हुआ था। ग्रेजुएशन हरियाणा के अंबाला सनातन धर्म कॉलेज से पूरा किया। उन्होंने राजनीति विज्ञान और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया।
एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति में रखा था कदम
सुषमा स्वराज छात्र राजनीति से जुड़ी रहीं थीं। उन्होंने छात्र राजनीति की शुरुआत भाजपा की इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी। 1977 में उन्हें मात्र 25 वर्ष की आयु में हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
अंबाला कैंट से लड़ा था चुनाव
सुषमा स्वराज ने अंबाला कैंट से हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता था। 1977 से 79 तक श्रम मंत्री रहीं। 1987 व 1990 में भी वह अंबाला से विधायक चुनीं गईं। उन्हें हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया।
चौधरी देवीलाल सरकार में मंत्री रहीं
चौधरी देवीलाल सरकार में दो बार मंत्री रहीं। सुषमा स्वराज ने 1985-86 के न्याय युद्ध आंदोलन में भी हिस्सा लिया। न्याय युद्ध एसवाइएल नहर निर्माण को लेकर चलाया गया था।
एक हजार लोगों को दिया आशियाना
सुषमा स्वराज ने एक हजार लोगों को आशियाना दिया था। अंबाला की हाउसिग बोर्ड की जनता इसे कभी भूल नहीं सकती। कैबिनेट मंत्री रहते हुए जनता की आशियाने की मांग पूरी की थी। हाउसिग बोर्ड ने अपने बजट से एक हजार मकान तैयार किए थे। बहुत ही सस्ते दामों में आम जनता को अलॉट कर दिए गए।
भतीजे की खुशी में झूमी थीं, पैरों में आ गई थी सूजन
सुषमा सूचना एवं प्रसारण मंत्री होने के बावजूद अंबाला में अपने भतीजे के जन्म की खुशी में आई थीं। लंबे अरसे के बाद अंबाला बीसी बाजार निवासी बड़े भाई डॉ. गुलशन के घर 2001 में आई थीं। इस दौरान भतीजे की खुशी में झूमते हुए उनके पैरों में सूजन भी आ गई थी।