गलत टैक्स नोटिस जारी करने पर सर्वे कंपनी तलब
पिछले वित्त वर्ष के दौरान जो बिल बंटे उनकी गलतियां जीआइएस कंपनी के गलत सर्वे के कारण रही। शहर के 85 प्रतिशत लोग गलत बिलों के कारण परेशान रहे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : प्रापर्टी टैक्स के जो नोटिस जारी किए जा रहे हैं, वे वर्ष 2012 व 2013-14 के सर्वे के मुताबिक बने हुए हैं। 2014 से पहले का सर्वे जीआइएस कंसोटियम कंपनी नोएडा ने किया था। उस समय औद्योगिक शहर में 1,20,000 यूनिट थे, जो अब बढ़कर 1,72,000 हो चुके हैं। 2014 से पहले के सर्वे की गलतियों को शहर भुगत रहा है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान जो बिल बंटे उनकी गलतियां जीआइएस कंपनी के गलत सर्वे के कारण रही। शहर के 85 प्रतिशत लोग गलत बिलों के कारण परेशान रहे। गलत बिलों के बावजूद भी लोगों ने 25 करोड़ का टैक्स भरकर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। अभी भी बिलों में गलती जारी है। गलत बिल लोगों को मिल रहे हैं।
सीनियर डिप्टी मेयर दुष्यंत भट्ट ने गलत सर्वे करने वाली कंपनी जीआइएस कंसोटियम कंपनी निदेशक धीरज को तलब किया है। कंपनी से गलत प्रापर्टी आइडी ठीक करवाई जाएगी।
याशी कंपनी के बिल अगले साल के लिए बंटेंगे : याशी कंपनी ने हाल ही में प्रॉपर्टी का सर्वे किया है। जिसके आधार पर बिल अगले वर्ष में बांटे जाएंगे। याशी कंपनी ने सर्वे को क्लेम व ऑब्जेक्शन आमंत्रित किए हैं। जिससे अगले वित्तीय वर्ष में जारी होने वाले टैक्स नोटिस सही से जारी हो सकेंगे। आपत्ति दर्ज करवाने के लिए तीन-तीन वार्डो को एक कैंप लगाया जा रहा है। वार्ड 10-13-14 का कैंप सब्जी मंडी सीनियर सिटीजन क्लब में लगाया गया है।
याशी कंपनी के प्रतिनिधि सुरेश का कहना है कि सर्वे की रिपोर्ट पोर्टल पर डाली जा चुकी है। जो सेटेलाइट से किया गया है। सर्वे के दौरान किसी भी प्रापर्टी का क्षेत्रफल का रजिस्ट्री एरिया से मिलान नहीं होता है। इसीलिए इसमें कुछ प्रतिशत अंतर विभाग द्वारा किए मौके पर अनुमत किए गए हैं। प्रॉपर्टी मालिक का नाम भी सर्वेक्षण के दौरान दर्ज नहीं किया जा सकता। उसके लिए निगम स्तर पर अधिकृत कमेटी द्वारा कानूनी प्रक्रिया अपना कर ही नाम परिवर्तन किया जा सकता है। टैक्स की गणना का मुख्य आधार प्रापर्टी का एरिया व कैटेगरी होगा। इसीलिए नाम परिवर्तन का महत्व टैक्स नोटिस में नहीं देखा जाएगा।