Move to Jagran APP

पर्यावरण में जहर घोलने वाली Panipat Refinery को सुप्रीम झटका, देना पड़ा करोड़ों का जुर्माना Panipat News

प्रदूषण फैलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के फैसले को बरकरार रखा है। फैसले के बाद पानीपत रिफाइनरी ने एनजीटी को 17.31 करोड़ का जुर्माना अदा किया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 11:29 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 01:08 PM (IST)
पर्यावरण में जहर घोलने वाली Panipat Refinery को सुप्रीम झटका, देना पड़ा करोड़ों का जुर्माना Panipat News
पर्यावरण में जहर घोलने वाली Panipat Refinery को सुप्रीम झटका, देना पड़ा करोड़ों का जुर्माना Panipat News

पानीपत, जेएनएन। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड रिफाइनरी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के फैसले को बरकरार रखा। एनजीटी ने जल प्रदूषण फैलाने पर 15 दिनों में 17.31 करोड़ रुपये भरने के आदेश दिए थे। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने एनजीटी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। रिफाइनरी ने 12 जुलाई को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में 17.31 करोड़ रुपये का जुर्माना जमा करा दिया है।

loksabha election banner

 जुर्माना भरने के बाद हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिफाइनरी के बंद पीटीए प्लांट को चालू करने की अनुमति दे दी है। साथ ही थिराना ड्रेन में पानी नहीं छोडऩे की शर्त रखी है। शाहपुर सिठाना के सरपंच सतपाल की याचिका पर  एनजीटी के चेयरमैन आदर्श कुमार गोयल, मेंबर एसपी बागड़ी, जस्टिस के रामाकृष्णन, मेंबर और एक्सपर्ट मेंबर नागेन नंद ने 10 मई 2019 को यह फैसला सुनाया था। 

यह है मामला
15 नवंबर 2018 को सरपंच सतपाल ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि आइओसीएल प्रबंधन केमिकलयुक्त प्रदूषित पानी को थिराना ड्रेन में डाल रहा है। इससे बोहली, ददलाना और सिठाना गांव के लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस पर एनजीटी ने गत 18 नवंबर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त जांच कमेटी नियुक्त की थी। कमेटी ने प्रभावित गांवों के जल और वायु के सैंपल लिये थे जो फेल मिले थे। 

ये भी पढ़ें: पर्यावरण के लिए सरकार से लेकर सिस्‍टम तक से लड़ा, फिर जो हुआ उसके दूर-दूर तक चर्चे

पर्यावरण के नुकसान को कवर करने पर खर्च होगी जुर्माना राशि
एनजीटी ने जुर्माने की राशि पर्यावरण के नुकसान को कवर करने पर खर्च करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही पर्यावरण में सुधार के लिए अन्य विकल्पों पर काम होगा। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विज्ञानी राजेश गढिय़ा ने बताया कि जुर्माने की रकम भरने के बाद आइओसीएल को प्लांट चालू करने के निर्देश दिए हैं। यह शर्त रहेगी कि प्लांट का पानी थिराना ड्रेन में नहीं छोड़ा जाएगा।

टीम की गठित : राकेश
आइओसीएल के प्रवक्ता राकेश रोशन ने बताया कि एनजीटी के आदेश के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में जुर्माना राशि जमा करा दी है। साथ ही टीम गठित कर दी गई है, ताकि आगे ऐसे हालात न बनें।

ये भी पढ़ें: पानी से लेकर हवा दूषित, इसलिए एनजीटी ने रिफाइनरी को दिया इतना बड़ा झटका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.