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यूपी-बिहार में रेलवे अभ्यर्थियों के उग्र प्रदर्शन पर रेल मंत्रालय सख्त, नौकरी पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की तैयारी

रेलवे अभ्यर्थियों के उग्र प्रदर्शन पर रेल मंत्रालय सख्त। नौकरी पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की तैयारी। बिहार में ट्रेनों को आग के हवाले करने के बाद रेलवे चेयरमैन का आदेश। चेयरमैन बोलें- पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ नौकरी प्राप्त करने पर भी किया जा सकता है प्रतिबंधित

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 05:39 PM (IST)
यूपी-बिहार में रेलवे अभ्यर्थियों के उग्र प्रदर्शन पर रेल मंत्रालय सख्त, नौकरी पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की तैयारी
यूपी बिहार में छात्रों का उग्र प्रदर्शन।

अंबाला, [दीपक बहल]। रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा के पैटर्न में बदवाल के विरोध में बिहार में उग्र प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर रेल मंत्रालय सख्ती करने की तैयारी में है। रेल मंत्रालय ने ऐसे उग्र प्रदर्शन कर रेल डिब्बों को आग के हवाले करने वाले अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी प्राप्त करने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने लिखित सूचना जारी कर ऐसे अभ्यर्थियों को चेतावनी दी है। इसकी प्रतिलिपि देश के सभी मंडलों को दी गई है। चेयरमैन ने कहा यह देखने में आया है कि रेलवे नौकरी में इच्छुक उम्मीदवार रेलवे पटरियों पर विरोध-प्रदर्शन कर रेलवे संचालन को प्रभावित कर रहे हैं जिसका सीधा असर यात्रियों की यात्रा में खलल डाल कर उनकी परेशानियां बढ़ा रहा है।

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उग्र प्रदर्शन कर रेल संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस तरह की गतिविधियां उच्चतम स्तर की अनुशासनहीनता प्रदर्शित करती है। ऐसी गतिविधियों के वीडियो की जांच करवाई जाएगी ताकि अभ्यर्थियों की पहचान कर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ रेलवे में नौकरी प्राप्त करने से आजीवन प्रतिबंधित किया जा है। चेयरमैन ने अनुरोध करते कहा कि कोई भी अभ्यर्थी गुमराह न हों, ऐसे तत्वों के प्रभाव में न‌ आएं जो अपना स्वार्थ को पूरा करने के लिए उनका इस्तेमाल करने की कौशिश कर रहे हैं। निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया होगी। बता दें कि अभ्यर्थियों ने बिहार में जगह-जगह हंगामा किया। रेल मार्ग जाम किया तो नवादा में स्‍टेशन पर पथराव किया और ट्रैक के क्लिप उखाड़ लिए। रेलवे भर्ती में धांधली के आरोपों पर  कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया।

इस तरह हुआ विवाद 

उत्तर प्रदेश और बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में अभ्यर्थियों ने जमकर प्रदर्शन किया। बीते 14 जनवरी को आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजे आए थे, जिसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ा लिया। दावा किया गया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था।  रेलवे बोर्ड ने अपने नोटिफिकेशन में सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) प्रथम परीक्षा में 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के चयन की बात कही थी, हालांकि जब परिणाम आया तब बोर्ड ने केवल पांच प्रतिशत का ही चयन किया‌। जबकि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि आरआरबी सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की जा रही है।


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