Stubble Burning: पराली जलाने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की संभावना, दीपावली में बढ़ सकती है मुश्किलें
दीपावली भी करीब है जो 4 नवंबर को मनाई जाएगी। जो नवंबर के पहले सप्ताह में है। उस दौरान पराली जलाना अपने चरम पर होगा और पराली जलाने के धुएं और पटाखों के धुएं का संयुक्त प्रभाव हरियाणा दिल्ली व एनसीआर के प्रदूषण स्तर में वृद्धि कर सकता है।
करनाल, जागरण संवाददाता। इस साल अक्टूबर के महीने में प्रदूषण का स्तर शुरू में दिल्ली और एनसीआर में अपेक्षाकृत कम रहा। क्योंकि पंजाब और हरियाणा के पड़ोसी राज्यों में विस्तारित मानसून और सर्दियों की बरसात हुई। अब, पंजाब और हरियाणा के किसान आगामी रबी फसल के लिए अपने खेतों को तैयार कर रहे हैं और चूंकि इसकी तैयारी के लिए समय बहुत कम है, हम उम्मीद कर सकते हैं कि पराली जलाने की प्रक्रिया अब शुरू होगी और नवंबर के पहले सप्ताह तक जारी रहेगी। अभी हवाएं उत्तर-पश्चिमी प्रकृति की हैं और पंजाब और हरियाणा से चल रही हैं। इसलिए दिल्ली और एनसीआर में पराली जलाने का धुंआ जारी रहेगा। हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली में प्रदूषण की मार झेलनी पड़ सकती है।
4 नवंबर को है दीपावली
इसके अलावा दीपावली भी करीब है, जो 4 नवंबर को मनाई जाएगी। जो नवंबर के पहले सप्ताह में है। उस दौरान पराली जलाना अपने चरम पर होगा और पराली जलाने के धुएं और पटाखों के धुएं का संयुक्त प्रभाव हरियाणा, दिल्ली व एनसीआर के प्रदूषण स्तर में वृद्धि कर सकता है। जिससे नवंबर के पहले सप्ताह में दिल्ली प्रदूषण खतरनाक या बहुत खराब हो सकता है।
यह बन सकती हैं स्थितियां
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक दो स्थितियां बन सकती हैं। या तो किसी विशेष दिशा से मध्यम हवाओं का निरंतर प्रवाह या कुछ बरसात प्रदूषण के स्तर को नीचे ला सकती है। हालांकि, दूसरे विकल्प को की संभावना है क्योंकि उत्तरी मैदानी इलाकों में कम से कम अगले एक सप्ताह तक किसी भी तरह की मौसम गतिविधि की उम्मीद नहीं है। हालांकि, उत्तर पश्चिमी दिशा से मध्यम हवाएं चलने की उम्मीद है जिससे कुछ राहत मिल सकती है और प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंच सकता है। इसलिए, हम कह सकते हैं कि प्रदूषण से छुटकारा पाने के लिए बारिश और मध्यम से तेज हवाएं ही एकमात्र समाधान हैं।