आवारा कुत्तों का आतंक जारी, सात को काटा
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है। रविवार को भी गली-मोहल्ले के कुत्तों ने सात लोगों को काट लिया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है। रविवार को भी गली-मोहल्ले के कुत्तों ने सात लोगों को काट लिया। इनमें एक बालक और दो महिलाएं शामिल हैं। घायलों ने सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचकर एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाया।
न्यू रमेश नगर वासी जय भगवान ने बताया कि वे अपनी गली से गुजर रहे थे। इसी दौरान एक कुत्ते ने उनकी टांग में काट लिया। इनके अलावा जाटल रोड वासी किरन पत्नी सुनील, सेक्टर-29 में रजाबुल पुत्र अब्बास, गीता कॉलोनी में शिवम, वधावाराम कॉलोनी वासी रुखसाना पत्नी नूर मुहम्मद और गांव सुताना वासी मनन पुत्र जयसिंह को भी आवारा कुत्तों ने काट लिया।
बता दें कि सुखदेव नगर वासी हैंडलूम कारोबारी आशीष गोयल के पांच वर्षीय पुत्र देव की रेबीज संक्रमण के कारण मौत से शहर में दहशत है। डॉग बाइट की भी मॉनिटरिग :
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉरमेशन प्लेटफॉर्म (आइएचआइपी) पोर्टल पर कुत्ते, बंदर और भेड़िये के काटने के केस अपलोड होंगे। रेबीज के कारण होने वाली मौतों का डाटा भी होगा। पोर्टल पर हेपेटाइटिस, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, डिफ्थीरिया, चिकनपॉक्स, बुखार, मानसिक रोग, स्नैक बाइट, पीलिया, कालाजार, टीबी, फाइलेरिया, टेटनस, मीजल्स, कैंसर, हृदय रोगी, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, किडनी, बाल रोग, दंत रोग, चर्म रोग समेत 33 बीमारियां का डाटा अपलोड होना है। डॉग का टीकाकरण जरूरी :
डॉग को एंटी रेबीज का टीका पहले तीन माह पर लगवाएं। बाकी दो टीके हर तीन माह में लगने चाहिए। इसके बाद हर साल एक टीका लगना चाहिए। डिस्टेंपर, हेपेटाइटिस, पारवो, टायरस, खून में विकार जैसी नौ बीमारियों से बचाव के लिए कुत्ते को पहला टीका डेढ़ माह पूरा होने पर, दूसरा ढाई माह और तीसरा साढ़े तीन माह पूरा होने पर लगवाना चाहिए।
यह समय ऐसा है जब फीमेल ने बच्चों को जन्म दिया हुआ है। जब भी कोई उनके पास से गुजरता है तो मेल-फीमेल डॉग को लगता कि उनके बच्चों को उठाने आ रहा है। इस डर से वे हिसक हो जाते हैं। गर्मी का मौसम ब्रीडिग का होता है, उस दौरान भी डॉग आक्रामक हो जाते हैं।
डॉ. सुरभि, पेट सॉल्यूशन-मॉडल टाउन