मासूमों और महिलाओं पर हमला कर रहे हैं बंदर और कुत्ते
शहर में आवारा-पालतू कुत्ते-बंदर मासूमों और महिलाओं को काटकर घायल कर रहे हैं। जनवरी में करीब 262 घायल सिविल अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। शनिवार को नए-पुराने 22 ने इंजेक्शन लगवाया। इनमें सुखदेव नगर वासी एक परिवार के 10 सदस्य शामिल रहे। बता दें कि नगर निगम बंदर-कुत्ता पकड़ने का ठेका नहीं छोड़ सका है।
फोटो 12 से 16 तक हैंडलूम व्यापारी परिवार के 10 सदस्यों ने लगवाए टीके
एक माह में 262 को किया घायल, निगम नहीं छोड़ सका ठेका जागरण संवाददाता, पानीपत
शहर में आवारा-पालतू कुत्ते-बंदर मासूमों और महिलाओं को काटकर घायल कर रहे हैं। जनवरी में करीब 262 घायल सिविल अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाने पहुंचे। शनिवार को नए-पुराने 22 लोगों ने इंजेक्शन लगाया। इनमें सुखदेव नगर निवासी एक परिवार के 10 सदस्य शामिल रहे। बता दें कि नगर निगम बंदर-कुत्ता पकड़ने का ठेका नहीं छोड़ सका है।
सुखदेव नगर वासी हैंडलूम कारोबारी आशीष गोयल के पांच वर्षीय पुत्र देव की रेबीज संक्रमण के कारण हुई मौत से शहर में दहशत है। देव को 18 जनवरी को कुत्ते ने करीब दो मिनट तक नोचा था, चेहरे पर 13 टांके आए थे। इंजेक्शन के बावजूद शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। हैंडलूम कारोबारी के परिवार के 10 सदस्य सावधानी बरतते हुए सिविल अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाने पहुंचे। इनके अलावा ग्रीन पार्क निवासी अंश, डाबर कॉलोनी निवासी कनिष्क, उग्राखेड़ी वासी प्रांशु, महादेव कॉलोनी वासी प्रमिला देवी, सौंधापुर कॉलोनी वासी सुदेश भी एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने पहुंचे।
फार्मासिस्ट प्रदीप कुमार के मुताबिक विगत दिनों में बंदर काटने के दो केस आए हैं। कुत्ते के काटने से घायल लोगों की हिस्ट्री देखें तो 80 फीसद को पालतू या गली-मुहल्ले के कुत्ते ने काटा है। परिवार के अन्य सदस्यों को भी लगेगा इंजेक्शन
बच्चे की रेबीज संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। कुत्ता काटने से लेकर उसकी मौत तक के दिन तक बच्चा जितने हाथों में खेला, नाखून-दांत लगने का डर रहता है। सावधानी बरतते हुए एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाया है। परिवार के अन्य सदस्यों को भी इंजेक्शन लगेगा। जूठा खाने पर भी लगाएं इंजेक्शन
किसी व्यक्ति ने गलती से आवारा कुत्ता या बंदर का जूठा खा लिया है तो उसे भी एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाना चाहिए। रेबीज का संक्रमण कुत्ता, बंदर, भेडि़या और चमगादड़ की लार के साथ भी फैलता है। रेबीज के लक्षण
मरीज का पानी से डरना।
उजाले से डरना।
शरीर में बुखार बने रहना।
बार-बार बेहोश हो जाना।
मरीज का मानसिक संतुलन बिगड़ना।
स्वभाव अत्यधिक उग्र हो जाना। वर्जन
कुत्ता, बंदर, भेड़िया, चमगादड़ के काटने से उनकी लार के जरिये रैबीज का वायरस रक्त ग्रंथियों की ओर से शरीर में प्रवेश कर जाता है। नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है। पागल कुत्ता-बंदर के काटने पर तुरंत, पालतू कुत्ता के काटने पर पहला इंजेक्शन 24 घंटे के अंतराल में लगवाएं। कुल पांच टीके लगने चाहिए।
डॉ. अमित कुमार, एमओ-शहरी स्वास्थ्य केंद्र सेक्टर-25