पानीपत टेक्सटाइल उद्योगों को मिली बजट में संजीवनी
महावीर गोयल, पानीपत : 115198 करोड़ के प्रदेश सरकार के बजट प्रस्ताव में वित्त मंत्री द्वारा ट
By Edited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 11 Mar 2018 11:08 AM (IST)
महावीर गोयल, पानीपत : 115198 करोड़ के प्रदेश सरकार के बजट प्रस्ताव में वित्त मंत्री द्वारा टेक्सटाइल उद्योगों के विकास के 5000 करोड़ का प्रावधान करने से पानीपत की टेक्सटाइल उद्योगों को संजीवनी मिलेगी। प्रदेश सरकार ने टेक्सटाइल पॉलिसी भी घोषित की थी, जिस पर काम होना अभी बाकी है। टेक्सटाइल उद्योगों के लिए पांच हजार करोड़ का प्रावधान करने से यहां उद्यमी खुश हैं। प्रदेश में पानीपत टेक्सटाइल का हब है। यहां से 35000 करोड़ रुपये से अधिक का टेक्सटाइल उत्पाद देश विदेश में जाते हैं। बजट में इंडस्ट्री इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 399 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे पानीपत के औद्योगिक क्षेत्रों में बेसिक सुविधाएं मिलने की उम्मीद उद्यमियों में जगी है। 2020 तक राजकीय घाटा शून्य करने का जो प्रस्ताव प्रदेश के वित्त मंत्री ने रखा है। एसवाईएल के लिए 100 करोड़ का प्रावधान, केरोसिन टैक्स मुक्त करने तथा आनलाइन सेवा पर खर्च बढ़ाने का भी व्यापारिक हल्कों मे स्वागत हुआ है। लेबर को सस्ता केरोसिन मिल सकेगा। 1966-67 में हरियाणा गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल ने 1000 करोड़ का बजट पेश किया था। 52 वर्षों बाद भाजपा सरकार ने 115198 करोड़ का भारी भरकम बजट पेश किया है। प्रदेश की जीडीपी 9 फीसद है जो देश की 7.8 फीसद जीडीपी से भी अधिक है। सरकार ने लोक लुभावना बजट प्रस्तुत किया है जो जमीनी हकीकत के कुछ ही दूरी पर है। बजट प्रस्ताव लागू होने पर हर वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी। बजट का 33.8 प्रतिशत एजुकेशन, स्वास्थ्य तथा सामाजिक कल्याण पर खर्च करने की बात कही गई है। बजट का 28.5 प्रतिशत हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च करने का प्रस्ताव है। हरियाणा व्यापार मंडल के प्रदेश चेयरमैन रोशन लाल गुप्ता का कहना है कि भारी भरकम बजट की राशी व्यापारियों उद्योगों से आएगी। बजट व्यापारियों उद्यमियों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया गया। एक वर्ष पूर्व व्यापारियों के कल्याण के लिए व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन तो कर दिया गया, लेकिन उनसे कोई काम नहीं दिया गया। जिससे व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। व्यापारियों की सामाजिक सुरक्षा, पेंशन तथा बीमा सुविधा देने की मांग चली आ रही है, लेकिन बजट में व्यापारियों उद्यमियों की मांग पर कुछ नहीं कहा गया।
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