7डी प्रिंटिंग की क्रांति, बिना लागत के शुरू कर सकते हैं आप भी ये बिजनेस
डिजिटल प्रिंटिंग में इको फ्रेंडली इंक से कपड़े पर होगा प्रिंट। पॉल्यूशन भी नहीं होगा। 15 लाख के बजट से शुरू हो सकता है काम। अगर आप क्रिएटिव सोचते हैं तो यह बिजनेस आपके लिए ही है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आपने कपड़ों पर बदलते कलर और इफेक्ट को देखकर एक बार सोचा होगा कि ये कैसे संभव हो रहा है। दरअसल, ये बदलाव आ रहा है नई प्रिंटिंग मशीनों की बदौलत। थ्री डी और फाइव डी प्रिंटिंग अब पुरानी बात हो चुकी है। अब तो 7डी प्रिंटिंग तक टेक्नॉलोजी पहुंच चुकी है। अगर आप भी कपड़े के कारोबार में हाथ आजमाना चाहते हैं तो यह नई तकनीक आपके लिए शानदार विकल्प हो सकती है। यकीन मानिये, केवल 70 रुपये में आप एक सात फीट का डिजिटल पर्दा तैयार कर सकते हैं, जो मार्केट में पांच सौ से सात रुपये का मिलता है। पानीपत में मशीनों का मेला लगा है। इन मशीनों को न केवल आप फाइनेंस पर खरीद सकते हैं, बल्कि अपना कारोबार भी हाथों हाथ शुरू कर सकते हैं। जरूरत है तो सिर्फ इनोवेटिव डिजाइनिंग और आपके जज्बे की।
सूरत की ट्रू कलर्स मशीन
सूरत में बनी है ट्रू कलर्स मशीन। इस प्रिंटिंग मशीन पर पॉलिस्टर कपड़े को आसानी से रंगा जा सकता है। पहले पेपर पर प्रिंट किया जाता है। बाद में हीट मशीन से कपड़े पर वही डिजाइन उतार सकते हैं। एक महीने में साठ हजार मीटर कपड़े को रंगा जा सकता है। दो साल से पानीपत के मेले में पहुंच रहे हैं। एक्सपोर्टर के अलावा जॉब वर्क करने वाले भी अब इस मशीन की तरफ रुझान दिखा रहे हैं। अभी तक दिल्ली, लुधियाना और साउथ इंडिया में ही इस मशीन पर काम हो रहा था।
दिल्ली की मिमाक्री मशीन, हर कपड़े को बदल देती है
दिल्ली की मिमाक्री मशीन हर तरह के कपड़े के लिए बनी है। कॉटन हो या फिर पॉलिस्टर, सभी में काम आती है। खास बात ये है कि ये चीनी मशीन से दो कदम आगे हैं। एक तो जल्दी खराब नहीं होती, दूसरा चीन की मशीन से ज्यादा उत्पादन करती है। कुशन कवर से लेकर कर्टन तक इस पर बन सकते हैं। पचास रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की कीमत का काम हो सकता है।
जापान की तकनीक का क्रेज
भारत के अलावा अगर सबसे ज्यादा किसी देश की तकनीक का क्रेज है तो वो है जापान का। कुछ साल पहले तक चीन का इस क्षेत्र में दबदबा रहता था लेकिन अब जापान आगे निकलता दिख रहा है। पानीपत में लगे मशीनी मेले में जापान की मशीन दिल जीत रही है। 15 लाख वाली मशीन एक छोटे से कंप्यूटर से अटैच होकर शानदार प्रिंट निकालती है।
इको फ्रेंडली मशीनें
टेक्सटाइल मशीनरी उद्योग प्रिंटिंग में इको फ्रेंडली इंक से कपड़े पर प्रिंट करने की तकनीक लेकर आए हैं। सूरत के खटोदरा की ट्रू कलर्स कंपनी का दावा है कि इस मशीन से कपड़े पर प्रिंट करने से किसी तरह का पानी और पर्यावरण का प्रदूषण नहीं होगा। इस मशीन की पहले सूरत और दूसरे शहरों में डिमांड थी। टेक्सटाइल नगरी में पहली बार इसकी मांग देखी गई है।
45 स्टॉल लगाए
एग्जीबिशन में 45 स्टॉल लगाए गए हैं। इनमें निटिंग, प्रिंटिंग, लूम, लेदर कटिंग और कंप्रेशर मशीन प्रमुख रूप से शामिल की गई हैं। पानीपत स्मॉल इंजीनियङ्क्षरग वर्कशाप एसोसिएशन के प्रधान सुखबीर मलिक ने बताया कि पानीपत की स्मॉल स्केल इंडस्ट्री में तैयार जूट मशीन के उत्पादों को अमेरिका जैसे देश में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसमें जूट के मेट बनाए जाते हैं। जूट के मेट यूज एंड थ्रो किए जा सकते हैं। इस मशीन में ताना बनाए बिना ही हैवी कपड़ा भी बनता है।
अमेरिका में बढ़ेगा एक्सपोर्ट
पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान ललित गोयल ने बताया कि अमेरिका ने चाइना के माल पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त इंपोर्ट ड्यूटी अतिरिक्त लगा दी है। इससे भारत के एक्सपोर्ट की मांग बढ़ेगी। कुछ बायर्स ने पानीपत के उद्यमियों से संपर्क भी किया है। यह देश और एक्सपोर्टरों के लिए अच्छे संकेत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया की सोच सराहनीय है। यहां के उद्यमियों को अच्छी मशीनें भी यहीं पर मिल रही हैं। इससे उनको रख-रखाव करने में भी दिक्कत नहीं आएगी।