सर्दियों में पशुओं को बचाने के लिए विशेष प्रबंध करने की आवश्यकता होती
पट्टीकल्याणा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय में पशुपालन विभाग की ओर से वीरवार को पशुपालक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आस पास के गांव के दर्जनों पशुपालकों ने भाग लिया। पशु चिकित्सक डॉ. रोहित ने पशुपालकों को सर्दी के मौसम में पशुओं को बीमारियों से बचाव के बारे में विस्तार बताया।
जागरण संवाददाता, समालखा : पट्टीकल्याणा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय में पशुपालन विभाग की ओर से वीरवार को पशुपालक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आस पास के गांव के दर्जनों पशुपालकों ने भाग लिया। पशु चिकित्सक डॉ. रोहित ने पशुपालकों को सर्दी के मौसम में पशुओं को बीमारियों से बचाव के बारे में विस्तार बताया।
उन्होंने कहा कि सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम में छोटे, बड़े और दुधारू पशुओं की खिलाई-पिलाई और प्रबंधन के प्रति विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। जरा सी लापरवाही से पशुपालन को घाटे का सौदा बना सकती है। सर्दियों में पशुओं को बचाने के लिए विशेष प्रबंध करने की आवश्यकता होती है क्योंकि ठंड लग जाने पर दुधारू पशुओं के दूध देने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। गाय- भैंस के छोटे बच्चों और भेड़-बकरियों पर जाड़े का घातक असर होता है। कई बार इन पशुओं के बच्चे ठंड की गिरफ्त में आकर निमोनिया रोग के शिकार बन जाते हैं। इसलिए ठंड के दिनों में दुधारू पशुओं के साथ-साथ छोटे पशुओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि पशुओं को ठंड से बचाने के लिए पशुशाला के खुले दरवाजे और खिड़कियों पर टाट लगाएं, जिससे ठंडी हवा अदंर न आ सके। सर्दियों में पशुशाला को हमेशा सूखा और रोगाणुमुक्त रखें। वहीं डॉक्टर शैलेश ने भी पशु आहार के बारे में विस्तार से बताया। बेसहारा गोवंश चिकित्सालय भापरा के अध्यक्ष कुलदीप रोहिला ने गोवंश को बेसहारा न छोडऩे का आह्वान किया। इस मौके पर अजीत, नेत्रपाल, संजय, मांगेराम, विकास, हवा सिंह मौजूद रहे।