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भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच शुरू करने के लिए मांगे आंकड़े

- अधिकारियों पर घरों में मीटरों की संख्या अधिक दिखाने का आरोप जागरण संवाददाता, पान

By Edited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 09:40 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 09:40 PM (IST)
भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच शुरू करने के लिए मांगे आंकड़े

- अधिकारियों पर घरों में मीटरों की संख्या अधिक दिखाने का आरोप

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जागरण संवाददाता, पानीपत : गलत आंकडे़ दिखा कर मीटर बाहर निकालने के ठेके की शिकायत पर जांच शुरू करने के लिए चीफ इंजीनियर पंचकुला ने पानीपत सर्कल कार्यालय से रिपोर्ट मांगी है। 21 मार्च 2016 को एक निजी कंपनी को मीटर बाहर निकालने का ठेका दिया था। इसमें लाखों रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप है। टीम 10-11 बिंदुओं पर जांच करेगी।

लाइन लॉस करने के लिए बिजली निगम ने एलआरपी स्कीम शुरू कर रखी है। इसके तहत बिजली मीटर घरों से बाहर लगाए जा रहे हैं। मीटर से पहले आ‌र्म्ड केबल लगाई जा रही है। खंभे या मकान के बाहर बॉक्स में मीटर लगाया जाता है। मीटर बाहर लगाने का कार्य पिछले सात-आठ वर्षो से चल रहा है। 31 अगस्त, 2016 तक सिटी डिवीजन में 97 हजार 117 में कनेक्शन थे। उनमें से 40 हजार मीटर पहले बाहर निकाले जा चुके हैं। शिकायत में आरोप है कि जब कंपनी को ठेका दिया गया, उस समय सिटी डिवीजन में 60 हजार मीटर घरों के अंदर नहीं थे। उससे कम मीटर घरों के अंदर थे। निगम अधिकारियों ने मिलीभगत करके निजी कंपनी को ठेका दिलाने के लिए गलत आंकडे़ दिखाए। चीफ सेक्रेटरी पावर ने शिकायत की जांच करने के आदेश दिए थे। चीफ इंजीनियर पंचकुला एमएस दहिया और पानीपत सर्कल के दो एक्सईएन जांच कमेटी में शामिल हैं। कमेटी ने जांच शुरू करने के लिए सर्कल से बिजली मीटरों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। ऐसे में जांच के बाद सच्चाई का पता चल सकेगा।

चीफ इंजीनियर एमएस दहिया ने बताया कि 10-11 बिंदुओं पर पानीपत सर्कल से आंकड़े मांगे हैं। इनके मिलने के बाद जांच शुरू की जाएगी।

सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव तेजपाल का कहना है कि निजी कंपनी को ठेका दिलाने के लिए गलत आंकड़े दिखाए गए। इससे निगम को नुकसान हुआ है।

टीम ने इन बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट

सूत्रों की माने तो चीफ इंजीनियर ने पत्र लिख कर कई बिंदुओं की जानकारी मांगी है।

- 31 अक्टूबर, 2010 से 31 मार्च 2015 तक किला, सनौली रोड और मॉडल टाउन सब डिवीजन में कितने कनेक्शन थे।

- पिछले पांच वर्षो में कितने नए कनेक्शन दिए गए।

- कितने मीटर घरों में लगे हैं, कितने बाहर निकाले गए।

- अगस्त 2015 तक कितने मीटर घरों से बाहर निकाले।

- किस ऑथोरिटी ने एलआरपी में वर्क ऑर्डर दिया।

- कंपनी को कितनी पेमेंट दी गई।


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