हादसे से सोनिया की जिंदगी हुई बदतर, आरोपी कार चालक पर पुलिस की मेहरबानी
विजय गाहल्याण, पानीपत : सड़क हादसे से सेक्टर-18 के राजकीय कालेज की बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्र
विजय गाहल्याण, पानीपत :
सड़क हादसे से सेक्टर-18 के राजकीय कालेज की बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा आजाद नगर निवासी सोनिया की जिंदगी बदतर हो गई है। दर्द इतना है कि वह करवट भी नहीं ले पाती है। उसके कूल्हे की हड्डी टूट गई है। सारी रात दर्द में बीत जाती है। मां शकुंतला सहारा देती है तो कुछ घंटे की नींद पूरी होती है। कॉलेज जाना छूट गया है। शहर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने सोनिया के आपरेशन के दस लाख रुपये मांग लिए हैं।
फैक्टरी में मजदूरी महीने के आठ हजार कमाने वाले धर्मेद्र को चिंता सता रही है कि वह बेटी का इलाज कैसे करवाएगा। सेवा, सुरक्षा और सहयोग का नारा देने वाली पुलिस ने सोनिया को इस हालात तक पहुंचाने वाले गुनाहगार कार चालक पर मेहरबानी कर डाली और वह आराम से भाग भी गया। पुलिस का सर्तकता देखिए, 16 दिन बाद भी मामला तक दर्ज नहीं किया और न ही पीड़िता से संपर्क किया गया। शायद वजह है कि सोनिया की आर्थिक स्थिति कमजोर है और उसकी पैरवी करने वाला कोई नहीं है।
दैनिक जागरण द्वारा सोनिया के बारे में जानकारी देने के बाद सेक्टर 6-7 चौकी प्रभारी जसबीर सिंह ने कहा कि घायल सोनिया के परिजनों से संपर्क किया जाएगा। वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हादसा देख रूह कांप गई : सोनिया के पड़ोसी प्रदीप कुमार ने बताया कि 8 सितंबर की सुबह सोनिया घर से पढ़ने के लिए कालेज जा रही थी। तभी टोल प्लाजा के पास कार ने सोनिया को टक्कर मारी। वह हवा में उछली और फिर अन्य दो कारों ने उसे कुचल दिया। जिसने भी यह हादसा देखा उसकी रूह कांप गई। एक पुलिसकर्मी भी मौके पर भी पहुंचा। उसने कार को चंद मिनट रुकवाया भी और सोनिया को अस्पताल भेजने के बाद कार चालक को जाने दिया। सोनिया की मां शकुंतला का कहना है कि वह हादसे के बाद सामान्य अस्पताल पहुंची। पुलिसकर्मी भी वहां था लेकिन उसने कोई बात नहीं। सोनिया को मेडिकल कालेज खानपुर और फिर पीजीआइ रोहतक भेज दिया गया। 17 सितंबर को बेड न होने पर पीजीआइ से सोनिया को घर जाने को कहा। तब से सोनिया घर पर है।
टोल के सीसीटीवी से कार चालक का पता चल सकता है
जहां पर सोनिया को कार ने टक्कर मारी थी वह टोल प्लाजा के पास है। अगर पुलिस टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे की जांच कराए तो आरोपी कार चालक का पता चल सकता है। इससे आरोपी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई हो सकती है और पीड़ित सोनिया को आर्थिक मदद भी मिल सकती है।
बेटी बनना चाहती थी बैंक अधिकारी
बिहार के जिला गया के औरंगाबाद निवासी धर्मेद्र ने बताया कि वह करीब 20 साल से पानीपत में किराये पर रहता है। उसके संतोष, सुनील और अनिल तीन बेटे और बड़ी बेटी सोनिया है। सोनिया पढ़ाई में होशियार है। उसे नर्स का कोर्स करवाना चाहता था लेकिन उसकी इच्छा थी कि बैंक में अधिकारी बने। तभी उसने बीकॉम की पढ़ाई की। अब सोनिया चारपाई पर है। उसे सूछ नहीं रहा है कि सोनिया के आपरेशन के लिए दस लाख रुपये कहां से लाऊं।
वर्जन
छात्रा सोनिया को किसी वाहन ने टक्कर मारी है और पुलिस को चाहे वह सामान्य अस्पताल या फिर अन्य किसी व्यक्ति के जरिये मिली है तो सीआरपीसी 154 के तहत मामला दर्ज करना चाहिए। अगर पुलिस ने ऐसा नहीं किया है तो वह इस मामले में सोमवार को एसपी से मिलेंगे।
मोमिन मलिक, एडवोकेट
वर्जन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ पानीपत की धरती से किया था। अभियान अच्छा है, लेकिन न तो लोगों की और न ही पुलिस की मानसिकता में बदलाव है। सोनिया को इंसाफ मिले और हादसा करने वाले वाहन चालक पर केस हो। इसके लिए वह 26 सितंबर को एसपी से मिलेगी।
सविता आर्य, अध्यक्ष, नारी टू नारायणी उत्थान समिति
वर्जन
छात्रा सोनिया को वाहन द्वारा टक्कर मारे जाने का मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा हादसा हुआ है तो मामला दर्ज किया जाएगा और वाहन चालक को भी ढूंढा जाएगा। टोल प्लाजा के सीसीटीवी की भी जांच होगी।
राजेश दुग्गल, एसपी