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Australia में बेटे को ब्रेन ट्यूमर, मां ने PM Modi से लगाई भारत लाने की गुहार

कैथल का एक युवक आस्‍ट्रेलिया में पढ़ रहा है। वहां उसे ब्रेन ट्यूमर हो गया है। वह भारत आने में असमर्थ है। ऐसे में माता पिता ने पीएम से उसे देश में लाने की गुहार लगाई है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 04:08 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 04:08 PM (IST)
Australia में बेटे को ब्रेन ट्यूमर, मां ने PM Modi से लगाई भारत लाने की गुहार
Australia में बेटे को ब्रेन ट्यूमर, मां ने PM Modi से लगाई भारत लाने की गुहार

पानीपत/कैथल, जेएनएन। वर्ष 2015 में स्टडी वीजा पर आस्ट्रेलिया गए हरप्रीत को कैथल लाने के लिए स्वजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। स्वजनों का कहना है कि उनका बेटा ब्रेन ट्यूमर से पीडि़त है, जो वहां ङ्क्षजदगी और मौत के बीच लड़ रहा है। लॉक डाउन के चलते वे वहां जाने और बेटा वहां से आने में पूरी तरह से असमर्थ है। इसलिए बेटे को भारत लाने के लिए सरकार उनकी सहायता करें। बृहस्पतिवार को पीडि़त परिवार के लोग सहायता के लिए विधायक लीला राम से भी मिले। 

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कैथल शहर निवासी विरेंद्र सिंह ने बताया कि उनका भतीजा हरप्रीत वर्ष 2015 में आस्ट्रेलिया में अकाउंट संबंधी कोर्स करने के लिए स्टडी वीजा पर गया था। सिडनी में 2019 में पता चला कि उसे ब्रेन ट्यूमर  है। जिसकी दो बार सर्जरी भी हो चुकी है। अब वहां के अस्पतालों में डाक्टरों ने कह दिया है कि चाहे तो उसे घर ले जा सकते हैं। बीमारी अंतिम स्टेज पर है, लेकिन देश ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना वायरस के चलते हवाई उड़ाने बंद हैं। इस कारण वे आस्ट्रेलिया नहीं जा सकते और न ही बेटा वहां से आ सकता है। इसलिए वे सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटे को भारत लाया जाए।

युवक के पिता सतविंद्र सिंह और मां सुखविंद्र कौर ने बताया कि अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी और न ही सरकार के मंत्री व विधायक का सहायता के लिए कोई फोन आया है। पीडि़त परिवार ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि उनके बेटे को भारत वापस लाया जाए। 

यमुनानगर में 100 वर्षीय मां हर रोज देखने के लिए बुला रही

कोरोना वायरस की वजह से इस समय लोग घरों में कैद है। वह आपस में एक दूसरे से बात कर सकते हैं, लेकिन विदेश से आए जिन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। उनकी दास्तां अलग हैं। वह परिवार के सदस्यों से भी नहीं मिल सकते। लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीम उन पर निगरानी भी रखे हुए है। हसनपुर के दीन मोहम्मद इस समय क्वारंटाइन में हैं। वह सात लोगों के साथ इंडोनेशिया जमात में गए थे। 20 मार्च को वहां से लौटे। हर जगह स्‍क्रीनिंग हुई। अब यहां घर पहुंचे, तो स्वास्थ्य विभाग ने क्वारंटाइन कर दिया। बृहस्पतिवार को भी स्वास्थ्य विभाग से सुरेश कुमार उनकी रिपोर्ट लेने के लिए पहुंचे। 

उन्‍हें किया गया क्‍वारंटाइन

दीन मोहम्मद इस समय परिवार से अलग हैं। फिलहाल उनका स्वास्थ्य ठीक है। जब से स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें क्वारंटाइन किया है। तब से ही वह अकेले रह रहे हैं। घर से करीब 200 फीट की दूरी पर उनका पोल्ट्री फार्म है। वहीं पर एक कमरे में वह अकेले रह रहे हैं। हमेशा मुंह पर मास्क लगाकर रखते हैं। परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं मिलते हैं। उनका खाना देने के लिए परिवार से कोई आता है, तो वह भी बाहर रखकर चला जाता है। 

100 वर्षीय मां से भी नहीं मिले

दीन मोहम्मद का कहना है कि भले ही उन्हें कोई दिक्कत न हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की हिदायतों का पालन कर रहे हैं। इसलिए ही वह किसी से नहीं मिलते। इंडोनेशिया से आने के बाद वह अपनी मां से भी नहीं मिले। 100 वर्षीय मां हर रोज उसे देखने के लिए तरसती है। रोजाना घर से यही संदेश आता है कि मां बुला रही है, लेकिन वह मां से भी मिलने नहीं गए। जब तक क्वारंटाइन का समय पूरा नहीं होता। वह बाहर नहीं निकलेंगे। पूरा दिन यहीं पोल्ट्री फार्म पर कट रहा है। पांच वक्त की नमाज और कुरान की आयतें पढ़ते हैं। 

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