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कैथल के किसानों के अरमानों पर पानी, खेत डूबे, फसल बर्बाद, पीला पड़ने लगा नरमा कपास

कैथल में नरमा कपास की फसल अब पीली पड़ने लगी है। खेतों में पानी भरा होने की वजह से किसान की फसल पूरी तरह से बर्बाद होती दिख रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 10:42 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 10:42 AM (IST)
कैथल के किसानों के अरमानों पर पानी, खेत डूबे, फसल बर्बाद, पीला पड़ने लगा नरमा कपास
कैथल के किसानों के अरमानों पर पानी, खेत डूबे, फसल बर्बाद, पीला पड़ने लगा नरमा कपास

पानीपत/कैथल, जेएनएन। बेहतर पैदावार की उम्‍मीद लगाए बैठे किसानों की अव्‍यवस्‍था का झटका लगा है। उनकी फसल पूरी तरह से डूब चुकी है। नरमा कपास अब पीली पड़ने लगी है। फसल की बर्बादी होते देख किसान पूरी तरह से टूट चुका है। अब उसे सरकार से ही उम्‍मीद है। 

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मंगलवार व बुधवार की बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। इस बाहर नरमा कपास की बेहतर पैदावार की उम्मीद लगाए गए कई गांवों के किसानों की कपास की फसल पानी में डूब गई है। बरसाती पानी खेतों में जमा होने के कारण कपास की फसल सूखने लगी है। बता दें कि कुछ दिन पहले तेज बरसात हुई थी अब कपास पर सीधा असर पड़ने लगा है। किसानों का कहना है कि तेज बरसात से कपास की फसल पर तेज प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 

इन गांवों पर पड़ा ज्यादा असर

राजौंद ब्लाक के किठाना, रोहेडा, माजरा, गुलियाणा, तारागढ़ व कलायत ब्लाक बडसीकरी, बालू, बाता इत्यादि गांवों में कपास की फसल पीली हाेनी शुरू हो गई है। 

रोहेड़ा के किसान गुरूदेव, संदीप, राजेंद्र ने बताया कि गांवों में 25 एकड़ के करीब नरमा कपास की फसल में पानी जमा हो गए है। पानी जमा होने के कारण कपास की फसल सूखने लग गई है। सरकार को सर्वे करवाकर जल्द मुआवजा वितरित करना चाहिए। 

कृषि उपनिदेशक कर्मचंद ने बताया कि जिले के राजौंद व कलायत में कपास की फसल की बोआई की जाती है। एक दो जगह से सूचना मिली है। वहां टीम के माध्यम से सर्वे करवाया जाएगा। उसके बाद मुआवजा दिया जाएगा। 


अधिकारियों नेे किया बरसात से डूबी फसलों का मुआयना

ढांड में प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बरसात के पानी में डूबी हुई धान की फसलों का मुआयना किया गया। नायब तहसीलदार ढांड सुभाष चंद, कानूनगो हेमंत शर्मा, पटवारी रणधीर ङ्क्षसह, ङ्क्षसचाई विभाग के एसडीओ निशांत बत्तान और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों ने चंदलाना और कौल का दौरा किया। नायब तहसीलदार ने बताया कि डीसी के निर्देशानुसार ढांड खंड के अधीन आने वाले जिन गांवों में बरसात का पानी खेतों में खड़ा हुआ है और उससे फसल को नुकसान होने का अंदेशा है। उनकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।


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