एलइडी लाइट से जगमग होगी स्मार्ट सिटी, जानिए स्मार्ट लाइटिंग के क्या मिलेंगे फायदे
करनाल की सड़कों पर अधिकतम स्ट्रीट लाइट पारंपरिक तकनीक के उपयोग से लगी हैं जो एक निश्चित समय पर चालू और बंद होती हैं और रातभर एक समान प्रकाश देती हैं। लेकिन अब शहर में लगने वाली स्मार्ट लाइट से शहर की अंधेरी गलियां जगमग रोशनी से नहा जाएंगी।
करनाल, जागरण संवाददाता। स्मार्ट सिटी की स्मार्ट एलइडी लाइट का इंतजार आखिर दो साल बाद समाप्त हो गया है। इन स्मार्ट लाइट से शहर की अंधेरी गलियां जगमग रोशनी से नहा जाएंगी तो साथ ही रात के समय में शहर की सुंदरता में भी इजाफा होगा। इन लाइट की खास बात यह है कि अंधेरा होने पर यह खुद ही जल जाएंगी और सुबह की बेला के साथ ही यह बुझ भी जाएगी। यह लाइट करनाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से लगाई गई है। दूसरी ओर कंपनी ने शहर के सर्वे करने का काम शुरू कर दिया है। लाइट लगाने का कार्य करीब सात माह में पूरा कर लिया जाएगा।
नई एलइडी सड़क उपयोगकर्ताओं की जरूरत के अनुसार होंगी
अभी करनाल की सड़कों पर अधिकतम स्ट्रीट लाइट पारंपरिक तकनीक के उपयोग से लगी हैं, जो एक निश्चित समय पर चालू और बंद होती हैं और रातभर एक समान प्रकाश देती हैं। इससे बिजली की अत्याधिक खपत होती है, जबकि यह स्मार्ट एलइडी लाइट एक लचीले डिमिंग शेड्यूल पर आधारित होंगी, जिसमें निश्चित समय पर प्रकाश की तीव्रता को समायोजित करने का प्रोग्राम होगा। दूसरी ओर यह स्वयं-प्रबंधित प्रकाश व्यवस्था है। स्मार्ट कनेक्टिड लाइटिंग सिस्टम एक स्थानीय वायरलेस विकेंद्रीकृत नेटवर्क का हिस्सा है। यह एक केंद्रीय डाटा
और प्रबंधन प्लेटफार्म से जुड़ा है और स्मार्ट सेंसर और एकीकृत उपकरणों से लैस है।
शहर के लिए स्मार्ट लाइटिंग के फायदे
बिजली बचाने या प्रकाश प्रदूषण को कम करने के लिए स्मार्ट लाइटिंग में डिमिंग शेड्यूल समायोजित होता है। केएससीएल ने 25 हजार एलइडी स्मार्ट लाइट के साथ मौजूदा पारंपरिक स्ट्रीट लाइट को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना बनाई है। इसके तहत स्ट्रीट लाइट के पोल को बदलने के साथ-साथ अंडरग्राउंड और ओवर हैड केबल वायरिंग से बुनियादी ढांचे को नया रूप दिया जाएगा। शहर में जहां-जहां भी डार्क स्पाट हैं, उनकी पहचान की जाएगी और उसे खत्म करने के लिए स्ट्रीट लाइट के बुनियादी ढांचे को जोड़ा जाएगा। पारंपरिक स्ट्रीट लाइट को 40 वाट और 70 वाट की एलइडी स्ट्रीट लाइट और 90, 150 व 200 वाट की स्मार्ट एलइडी स्ट्रीट लाइटों से बदला जाएगा। 150 वाट से कम की एलइडी लाइट को फिडर आधारित पैनल से और इससे अधिक को अलग-अलग कनेक्टर से जोड़ा जाएगा।
हो सकेगी बिजली चोरी की पहचान
उपायुक्त ने बताया कि एलइडी स्ट्रीट लाइटों से उच्च ऊर्जा दक्षता, उच्च तीव्रता, लाइट का लंबर जीवन और कम रख-रखाव के साथ बेहतर सार्वजनिक सुरक्षा होगी। इसमें अधिक महत्वपूर्ण यह है कि इनसे ऊर्जा की बचत होगी।
स्ट्रीट लाइट की स्थिति की निगरानी के लिए केंद्रीकृत नियंत्रण रहेगा। जनता को संतुष्टि मिलेगी और बिजली चोरी की पहचान भी हो सकेगी।