धीमी टेस्टिंग बनी कोरोना की रोकथाम में रोड़ा, इन लक्षणों वाले मरीज नहीं पहुंचे रहे जांच करवाने, फैल रही माहमारी
कोरोना की तीसरी लहर में हल्की खांसी जुकाम हल्के बुखार जैसे लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं। बहुत कम लोगों को एडमिट करना पड़ रहा है। इसका कारण टीकाकरण है। लोग एहतियात नहीं बरतते वो न केवल अपने बल्कि दूसरे के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला में कोरोना की रफ्तार अभी धीमी पड़ती नजर नहीं आ रही। पिछले करीब एक माह की बात करें तो जिले में इस अवधि में करीब 5 हजार से ज्यादा केस संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से वर्तमान में करीब 4 हजार एक्टिव केस हैं। लगातार एक्टिव केस बढ़ने से जिले में कोरोना से रिकवरी रेट घटकर करीब 88 प्रतिशत पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की बातों पर यकीन करें तो लगातार बढ़ रहे कोरोना का कारण लक्षण सामने आने के बाद भी टेस्टिंग नहीं करवाना है।
आपको कोरोना ने नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन दूसरे को कितनी क्षति होगी कहना मुश्किल
सिविल सर्जन डाक्टर कुलदीप सिंह ने बताया कि कुछ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी ज्यादा होती है कि वो जल्दी से बीमार नहीं होते। ऐसे लोगों को कोरोना होने पर भी उन्हें हल्के लक्षण होकर बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन यदि ऐसे लोग टेस्ट नहीं करवाएं और यूं ही घूमते रहेंगे तो ऐसे लोगों से कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले आसानी से कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। विशेषकर पहले से ही किसी बीमारी या बीमारियों से ग्रस्त मरीज। लिहाजा यदि किसी भी व्यक्ति को कोरोना के कोई भी लक्षण दिखें तो अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए तुरंत टेस्ट करवाएं और खुद को दूसरे सदस्यों से अलग करते हुए होमआइसोलेट करें। यदि सांस लेने में कोई दिक्कत लगे तो तुरंत जिला अस्पताल या नजदीकी अस्पताल में संपर्क करे।
13 लोगों की जा चुकी एक माह में जान
पिछले एक माह में कोरोना से जिले में करीब 13 मौत हो चुकी हैं। हालांकि इनमें ज्यादातर वही मरीज हैं जो दिल, शुगर, गुर्दे, लीवर, कैंसर जैसी अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे थे। डॉक्टरों की मानें तो ऐसे मरीजों का बिना कोरोना भी बच पाना काफी मुश्किल था।
60 प्रतिशत डॉक्टर हो चुके संक्रमित
जिले की बात करें तो पिछले 10 दिनों में 60 प्रतिशत डॉक्टर जिला नागरिक और अंबाला छावनी नागरिक अस्पताल के कुल 60 प्रतिशत डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि इनमें से अब ज्यादातर फिर से ड्यूटी पर आने लगे हैं। राहत की बात यह है कि अभी ने समय से रिकवरी की है।
अधिकारी के अनुसार
कोरोना की तीसरी लहर में हल्की खांसी, जुकाम, हल्के बुखार जैसे लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं। बहुत कम लोगों को एडमिट करना पड़ रहा है। इसका कारण टीकाकरण है। लेकिन जो लोग लक्षण होने पर भी एहतियात नहीं बरतते वो न केवल अपने बल्कि दूसरे के लिए भी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। इसीलिए लक्षण दिखते ही टेस्ट जरूर करवाएं ताकि अपने साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख सकें।
----डॉक्टर कुलदीप, सिविल सर्जन, अंबाला।