मरकज से Jind लौटे छह लोग, सभी को निजी अस्पताल में किया क्वारंटाइन
निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज से 30 मार्च को जींद में छह लोग आए थे। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन सभी को आइसोलेशन वार्ड में दाखिल किया है।
पानीपत/जींद, जेएनएन। निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज में शामिल होकर छह लोग जींद लौटे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव कंडेला में बने गंगापुत्र अस्पताल में इन सभी को क्वारंंटाइन कर दिया। जबकि एक सेवानिवृत्त एएसआइ को नागरिक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। पहले स्वास्थ्य विभाग ने इन लोगों को घर पर क्वारंटाइन किया था।
देशभर में मरकज से लौट रहे लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के चलते जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया। घर की बजाए स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में ही इनको क्वारंटाइन करने के आदेश दिए। वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम दोबारा पुलिस को लेकर उनके घरों पर दस्तक दी और एंबुलेंस के माध्यम से सीधे शहर के बाहर बने गंगापुत्र अस्पताल में ले गए। जबकि 30 मार्च को मरकज से जिप्सम फैक्ट्री के निकट पहुंचे मुस्लिम को स्वास्थ्य विभाग की टीम नागरिक अस्पताल में लेकर आई। उसे अस्पताल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। दोपहर को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसका सैंपल लिया और जांच के लिए पीजीआई खानपुर भेजा है। जबकि गंगापुत्र अस्पताल में क्वारंटाइन किए गए लोगों मरकज से 11 मार्च के आसपास पहुंचे थे और उनको अब तक कोरोना से संबंधित कोई लक्षण नहीं है। इसलिए उनके सैंपल लेने की बजाए क्वारंटाइन किया है, ताकि उनके परिवार के लोगों के साथ आस पड़ोस के लोग उनके संपर्क में न आ सके।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को विश्वकर्मा कॉलोनी के एक बीएमएस डॉक्टर के घर पर दस्तक दी। बीएमएस रुपया चौक पर क्लीनिक चलता है, लेकिन पिछले दिनों से बंद किया हुआ है। उसने बताया था कि वह 9 से 11 मार्च तक निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज में शामिल था। इस दौरान उसके साथ शीतलपुरी कॉलोनी व हनुमान नगर के दो लोग भी उसके साथ थे। वह उसी दिन वहां से निकल आए थे। इसके बाद टीम ने बारी-बारी उनके घर पर दस्तक दी और उनके स्वास्थ्य की जांच की।
30 मार्च को निजामुद्दीन मरकज से जिप्सम फैक्ट्री कॉलोनी निवासी हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत एएसआइ की भी जांच की थी। इन लोगों में कोरोना से संबंधित लक्षण नहीं मिलने के चलते घर पर ही क्वारेंटाइन कर दिया था, लेकिन वीरवार को उनको निजी अस्पताल में क्वारेंटाइन किया है। इसके अलावा लॉक डाउन से पहले मरकज से वापस निडानी के तीन लोगों को भी गंगापुत्र अस्पताल में क्वारंटाइन किया है।
ग्रामीणों के विरोध के बाद किया क्वारंटाइन
गांव निडानी में भी लॉकडाउन से पहले तीन मुस्लिम मरकज में शामिल होकर गांव में आए थे। जब से निजामुद्दीन का मामला सामने आया तो ग्रामीण हरकत में आ गए और वहां से लौटे तीनों लोगों को गांव से बाहर लेकर जाने की मांग कर रहे थे। इसके बाद ग्रामीणों ने मुनादी करवाकर इन तीनों लोगों से अस्पताल में दाखिल होने के लिए कहा। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची। जहां पर तीनों मुस्लिमों को अपने साथ लाकर गंगापुत्र अस्पताल में क्वारंंटाइन किया है। हालांकि इन लोगों में फिलहाल कोरोना से संबंधित कोई लक्षण नहीं है।
मरकज से लौट रहे व्यक्ति को पौली के निकट से पकड़ा
निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर कंटनेर में सवार होकर जींद आ रहे एक मुस्लिम को पुलिस ने गांव पौली के निकट पकड़ लिया और उसे अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसकी जांच करके घर पर क्वारंटाइन कर दिया। कंटनेर में सवार व्यक्ति गांव बीबीपुर का रहने वाला है। वह जिस कंटनेर में सवार होकर आ रहा था उसका चालक गांव कालवा का रहने वाला है। पुलिस ने बाद में उसके ट्रक को सैनिटाइजर करवाया। पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि कंटनेर में सवार व्यक्ति पिछले दिनों ही मरकज में शामिल होने गया था।
ग्रामीणों ने बनाया बंधक
गांव मेहरड़ा में बुधवार शाम को ग्रामीणों ने पैदल आ रहे एक व्यक्ति को पकड़ लिया और स्कूल में बंधक बना लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित कर दिया। पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि पकड़ा गया व्यक्ति रोहतक के गांव लाढोत का रहने वाला है। सुखबीर पैदल ही किसी दूसरे राज्य से आया था और उसे बुखार और खांसी के लक्षण के कारण ग्रामीणों ने स्कूल में बंधक बना लिया। बाद में उसे जुलाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। जहां से उसे रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया।
मरकज से जिले में आठ लोग लौटे
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में फिलहाल सात लोग मरकज से लौटकर आए है। इसमें चार लोग जींद शहर के रहने वाले, जबकि तीन निडानी के रहने वाले है। जबकि बीबीपुर गांव का एक व्यक्ति बुधवार रात को ही मरकज से कंटनेर में सवार होकर लौट रहा था। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच करके वापस घर भेज दिया। विभाग की इस कार्रवाई पर लोग हैरानी जता रहे है। उनका कहना है कि मरकज से आने वाले किसी भी व्यक्ति को घर पर भेजने की बजाए उसे प्रशासन की देखरेख में ही क्वारंंटाइन किया जाए।
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